QUOTES ON #सत्यता

#सत्यता quotes

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28 OCT 2020 AT 9:06

मनुष्य एक बहुत बड़ी, चक्रव्यूह में फंसा हुआ है!
जैसे अभिमन्यु चक्रव्यूह में, फंस कर ही अपनी जान दे दी!
वैसे ही, मनुष्य सिर्फ अपनी जान दे रहा है!
चक्रव्यूह की प्रथम द्वार को भी, तोड़ नहीं पा रहा!
बस यहां फर्क इतना है, अभिमन्यु को भीतर जाने की ज्ञान थी!
परंतु चक्रव्यूह को भेद कर, बाहर आने की ज्ञान नहीं थी!
किंतु मनुष्य को हर द्वार की ज्ञान है!
परंतु पर्दे की वजह से, वो उस द्वार को देख नहीं पाता!
इन परदों को हटाने के लिए, बहुत महान पुरुष जन्में!
पर मेरे विचार में वह सारे विफल रहे!
चाहे वो महावीर हो, चाहे बुद्ध हो, चाहे यीशु हो, चाहे मोहम्मद हो, या हो कृष्ण, और राम या कोई भी साधु आत्मा!
विफल होने का तात्पर्य यह नहीं, कि वो असफल रहे!
वो तो परमधाम, परम ज्ञान, और स्वयं परमात्मा को पाएं!
पर किसी के भीतर घुस कर, उनकी परदों को कैसे हटाते?
उस संज्ञान में, वो भी विफल रहे है!
पर्दे तो आपके आंतरिक घरों की, स्वयं हटाने हैं!
खिड़कियां तो आपके आंतरिक घरों की, स्वयं ही खोलनी है!
जिस चक्रव्यूह की रचना में, आप फंसे हैं! उन सभी द्वारों तक, खुद ही पहुंचना है!
और पहुंचे हुए हैं आप! बस दरवाजे को धक्का देना है!
फिर आप स्वतंत्र होंगे, फिर आप इस संसार को खुद के अंदर पाएंगे!
ना कि आप, संसार में खुद को पाएंगे!

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1 APR 2022 AT 20:10

प्यार अमर है,
और अमर ही रहेगा! :)




मरेगा तो वो
जिसने प्यार किया है!! :(

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6 APR 2021 AT 15:51

सदाक़त/صداقت
Truth/सत्यता

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5 MAR 2019 AT 14:00

सफ़र-ए-जिंदगी में ज़ब
कोई मुश्क़िल मुक़ाम आया
ना गैरों ने तवज्जों दिया
ना अपना कोई काम आया

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7 APR 2021 AT 8:36

किरदारों की पस्ती का आलम है ये
सदाक़त की बातें कहें क़समें खाकर

کرداروں کی پستی کا عالم ہے یہ
صداقت کی باتیں کہیں قسمیں کھاکر

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7 APR 2021 AT 6:53

इस ज़माने में सदाक़त से जीना हो तो बेपनाह हिमाक़त चाहिये।
दौर-ए-मतलबपरस्ती में जीने के लिये इल्म-ए-सियासत चाहिये।

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6 APR 2021 AT 23:43

1222 1222 1222 1222
लगाए फूल कागज़ के तो रंगत जा नहीं सकती
धरोगे हाथ पर बस हाथ ग़ुरबत जा नहीं सकती

करो कुछ काम तुम ऐसे करे फिर फ़क्र हर कोई
घरों में बैठ कर तो यूँ अज़ीयत जा नहीं सकती

मिले उन दोस्तों से अब हमें अरसा हुआ लेकिन
कहीं कुछ भी नहीं बदला रिफ़ाक़त जा नहीं सकती

छुपाने से छुपेगी क्या चमक छोटे से जुगनू की
रगों में खून बन दौड़ी सदाक़त जा नहीं सकती

दिए दो हाथ हैं सब को लकीरों पर न जाओ तुम
ख़ुदी पर कर भरोसा तू ये क़िस्मत जा नहीं सकती

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7 APR 2021 AT 1:47


अब हर तहरीर में इतना असर हो मौला,
कि कलम उठे तो बस सदाक़त हो मौला।

اب ہر طہریر میں اتنا اثر ہو مولا،
کہ کلم اٹھے تو بس صداقت ہو مولا !!

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4 JUN 2023 AT 23:30

जीवन के खेल को समझो
हर रंग है इसमें मिले हुए
यहाँ सब कुछ नाटकीय है
इस जगत का तमाशा देखो
दूसरों की मदद करो अच्छा है
सबके साथ सामंजस्य बनाओ अच्छा है
पर अपनी भी खुशियां ढूंढो
जीवन की सत्यता को तुम जानों
अपनी आँखें खोलो
अपने बारे में भी जरा सोचो
अपना भला बुरा भी देखो...

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6 APR 2021 AT 20:54

सदाक़त परस्त मैं, झूठे हो ग़र फिर दूर रहो
नापसंद वाक़िईयत जिन्हें,मुझे वो पसंद नही

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