सजदा तेरे कदमों में हम दिन-रात करते हैं ,
*मेरे वतन* तुझसे ही हर शुरुआत करते हैं ।
तेरे ही दम से हम अपनी औकात रखते हैं,
ज़िक्र हो जब पहचान का तेरी ही बात करते हैं ।
तेरी हवाओं ने ही इन साॅंसों को थाम रखा है ,
कतरा-कतरा लहू का तेरी सौगात करते हैं ।
ज़र्रे-ज़र्रे में तेरी ही खाक महकी है,
तेरे नाम हर आरजू हर जज़्बात करते हैं ।
वतन की सरपरस्ती में सुकून जिंदगी का हासिल हो,
सच्चे वो देशप्रेमी जो ऐसे ख्यालात रखते हैं।
खुशनसीब हैं वो जो वतन के काम आते हैं ,
दम निकले पनाहों में तेरी दुआ हर बार करते हैं ।
जीवन हो तेरी मिट्टी में कफ़न भी हो तेरी मिट्टी का,
तुझसे हम मोहब्बत बेइंतहा बेशुमार करते हैं ।
....... निशि..🍁🍁
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