माँ की बाहें हमेशा खुली होतीं है
अपने संतान को गले से लगाने के लिए,
माँ की आँचल हमेशा ही फैली होतीं हैं,
अपने बच्चे को बुरी नज़रों से छुपा लेने के लिए।
माँ की उमर कभी ढलती ही नहीं,
माँ का स्वरूप हमेशा ही जवां रहता है।
माँ का दिल ममता से इतना परिपूर्ण है कि,
वो हमेशा ही बेहद ख़ुबसूरत दिखती है,मानो देवी हों।
सिर्फ़ आपकी औऱ मेरी माँ नहीं,
दुनियां की हरेक माँ।
मुझे माँ के चेहरे पे उभरतीं झुर्रियाँ केवल सहजता से स्वीकार ही नहीं बल्कि उससे प्यार भी है।
हाँ,मैं हमेशा ही संवारते रहना चाहती हूँ,
माँ के उस हसीन चेहरे को,
आख़िरी सांस तक ।
हाँ,मैंने नहीं ख़रीदे कभी झुमके खुद के लिए,
मग़र माँ को दिलाऊंगी मैं सुंदर झुमके, हरी चूड़ियाँ,पैरों के पाजेब,
गले में लाल मोतियों की माला।
चाहे ज़माना जो तंज़ कसे,
वो सब भेंट करूँगी जिसकी इच्छा
उन्होंने मन में ही त्याग दी थीं बस हमारे सपनों को साकार करने के लिए।
मेरी माँ नहीं करेंगी सजने में उमर का लिहाज़,
ज़माने को ही होना होगा अपनी कुंठित सोच पे शर्मसार।
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