छोटा भाई : भैया शहर में सब कुछ किराए पर मिलता हैं, आप चिंता मत करिए। बड़ा भाई : चलो अच्छा हैं, अपना खयाल रखना। (मन में : छोटे जहां इंसान बिकते हैं और जिस्म किराए पर मिलते हैं, तो बाकी चीजों का क्या। तू बस अपना और बाबा की इज्जत का खयाल रखना।)
पराजित राष्ट्र तब तक पराजित नहीं होता जब तक वो अपनी संस्कृति और मूल्यों की रक्षा कर पाता है! अगर हमने अपनी सांस्कृतिक विरासत को छोड़ा तो हमारा पतन निश्चित है।
वो - तोहफा देना चाहता हूं तुम्हें....बताओ कौन सा इत्र पसंद है तुम्हे? मैं - इत्र?? वो - हा! इत्र मैं - इत्र क्यों? वो- ताकि उसे लगा कर तुम हरपल मुझे महसूस कर सको!! मैं - इत्र का तो पता नहीं लेकिन मुझे बारिश में मिट्टी की खुशबू बहुत पसंद है। मां के आंचल की महक पसंद है....पूजा के हवन का वो धुआं भी सौंधा लगता है।। अब ये इत्र तो नहीं है ?
वो मुस्कुराता रहा थोड़ी देर फिर गले से लगा कर एक बोसा रख दिया मेरे माथे पर.....और अब मै महसूस कर सकती थी उसे "हरपल"।