QUOTES ON #शोखियाँ

#शोखियाँ quotes

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17 MAY 2020 AT 23:29

मत पूछ इन हवाओं की शोखियाँ मुझसे,
गुज़र जाती हैं, जैसे तूने छुआ हो मुझको !

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26 AUG 2019 AT 17:48

बिखर रही है तबस्सुम की शोखियाँ उनके चेहरे पर,
आज कत्ल करने फैसला करके वो घर से निकले हैं !

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9 MAR 2018 AT 16:49

जवानी है, कहानी है, एक हँसी जिन्दगानी है,
कभी डूब मुझ में यूँ कि मोहब्बत भी रुहानी है!
मैं उलझी शोखियों में जो तेरी बेबाक नज़रों की,
दीवानी मैं बनी तेरी, दुनिया तेरी दीवानी है!!

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28 FEB 2019 AT 9:52

रात इक ख्वाब आँखों में आकर ठहर गया,
और वो शोखियांँ झुकी पलकों की देखते रह गए !

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22 JUN 2017 AT 3:09

पहली बार जब तुम, मुझे दिखी थी
फ़िरते इस बंजारे को, 'मंज़िल' दिखी थी
वो 'बांकपन', वो 'यौवन', वो 'शोखियाँ' दिखी थी
बिन पिये 'मय' मुझे, मस्तियाँ दिखी थी
वो दो उंगलियों में फँसकर
बालों का.. कान के पीछे जाना
ठीक उसी समय, नज़रों का 'झुक' जाना
मुझे किसी 'फ़कीर' की, 'बन्दगी' दिखी थी
धीरे से उन, आँखों का हिलना
मुझसे हटना.. मुझसे मिलना
कड़कती धूप में, ठंडी 'छाँव' दिखी थी
मेरे चेहरे पर जब तुम्हें, हँसी दिखी थी
तुम्हारें हाथों पर मुझे, ठंडी 'सिरहन' दिखी थी
बातों में 'बचपना', आंखों में 'अपनापन'
तुम मुझे चहकती-गाती, 'नाज़नीं' दिखी थी
वो 'शर्म-ओ-हया', वो 'बेबाकपन',
वो 'घबराहट' दिखी थी
वो 'लड़कपन', वो 'सादगी',
वो 'मुस्कुराहट' दिखी थी
ना लाग, ना लपेट, ना पाखण्ड
तुम मुझे हसीन सी कोई, 'अप्सरा' दिखी थी
पहली बार जब तुम, मुझे दिखी थी..
सच कहता हूँ..मुझे आसामन से उतरती
मेरी 'ज़िंदगी' दिखी थी
- साकेत गर्ग

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13 FEB 2023 AT 7:37

वो तुम्हारी सरगोशिया
वो तुम्हारी आहटें
वो तुम्हारी खामोशियां
वो तुम्हारी मुस्कुराहटें ।

यह मासुमियत तुम्हारी
यह तुम्हारी शोखियां
क्या कहें ,कितने जतन से
खुद को हम संभालते ।

और उस पर गाहे बगाहे तुम्हारा
यह पुछना बैठना
कि हम तुम्हें क्यों है निहारते ।।

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1 APR 2022 AT 18:05

लपेटे हैं वो गोया शोख़ समंदर,
ज़रा बचके रहना

किनारों का भी इमान न डोले,
तो फिर कहना !

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16 NOV 2018 AT 23:58

शिकस्त खाई तुमने जब तबस्सुम की शोखियांँ देखी,
हमें तो तेरे हसरत-ए-दीदार ने जीने की वजह दे दी !

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21 SEP 2019 AT 14:30

इक ये कमसिन उमर उस पर
जालिम तेरी यह शोखियां,
न ढा सितम ऐ सितमगर,
सरे राह होने लगी सरगोशीयां।

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16 JUL 2020 AT 21:33

तेरी झुकी नजर कुछ कह रही
तेरी खामोशियाँ कुछ कह रही,
क्या है कोई इशारा तेरा मुस्कुराना
तेरी जुल्फें खुली कुछ कह रही,
तेरी शोखियाँ कुछ कह रही...!!

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