खुशनसीब होते है वो लोग जिनके घर बेटियां होती है मांगती तो कभी कुछ भी नहीं पर सदा देने को तत्पर होती है कली बनके खिलती है आंगणमे तो चिड़िया बनके उड़ जाती है उस पराये घर में भी सबको अपना बनाके रखती है आने मत देना कभी आंसू उसकी आंखों में क्यूंकि ये तोहफा बड़े नसीब से मिलता है
हरियाणा की शेरनी है ये कभी जीवन्यथार्त पर लिखती हैं तो कभी ह्यूमर से भरा खतरनाक मीम्स लिख जाती हैं... ये भारत की भारती है साहब कभी दर्द ए दिल तो कभी मोहब्बत भरी नज्म से महफ़िल सज़ा जाती है...
मैं अपने पापा की शेरनी हूं, मशुका किसी चहेते की नहीं, गीदड़ जरा धीमी आवाज में बोलना...... मैं ऊंची आवाज अपने बाप की सुनती हूं, किसी बाप के बेटे की नहीं।