मुहब्बत मुझे हर जगह हाँ मिली थी,
यहां भी मिली है वहां भी मिली थी!
न सुनना ही आया न कहना ही आया,
मुझे दिल मिला था ज़ुबाँ भी मिली थी!
मिले प्यार में मुझको मौसम सभी थे,
फ़िजां भी मिली खिजाँ भी मिली थी!
राह-ए-इश्क जब था पकड़कर चला मैं,
हुई मुश्किलें मुझको आसां मिली थी!
शुक्रिया "जिन्दगी" को कैसे क्या अदा करूँ मैं,
मुझे जिंदगी बन वो मेहरबां भी मिली थी!
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