QUOTES ON #शिक़वे

#शिक़वे quotes

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1 JUL 2021 AT 18:30

कुछ शिकवे

(रचना अनुशीर्षक में)

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24 JUN 2017 AT 2:43

अहसास भी उसी से मिले
जिससे हैं यह घाव मिले
कैसे करूँ शिक़वे..
कैसे करूँ मैं उससे गिले

उसी ने तो इश्क़ का मतलब, था सिखलाया
बनके महताब..
मेरी स्याह काली रात को, था चमकाया
आज अगर वो बेवफ़ा हो गयी तो क्या
वफ़ा का पाठ भी तो, उसी ने था पढ़ाया
बस अब इतनी सी है दुआ
मेरी सुन ले वो इतनी सी इल्तिज़ा
अपना दामन वो, और नापाक ना होने दे
अब किसी और को, उसे बेवफ़ा ना कहने दे
जो हमराह उसने अब चुना है
वो उसी का सानी रहे,
उसी से शुरू, उसी पर ख़त्म
उसकी ज़िंदगानी रहे
- साकेत गर्ग

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खोने की है तमन्ना अब ख़्वाब के नगर में,
पसरा है अब अंधेरा चाहत की रहगुजर में!

उम्मीद खो गयी है अफ़सोस कुछ नहीं है,
टूटे हैं कितने सपने अब होश कुछ नहीं है,
बाक़ी नहीं है राहें चलने की अब सफर में,
खोने की...

तोड़ा है दिल किसी ने नाक़ाम हो चुका हूँ,
नाराज़गी नहीं कुछ गुमनाम हो चुका हूँ..!
जीते हैं लोग कैसे गिर गिर के भी नज़र में,
खोने की...

बदले हैं मायने अब हर ओर बस शिकायत,
हमने भी ये ख़ता की अब दे रहे हैं क़ीमत,
बिखरे हैं लाखों शिक़वे ऐ यार इस डगर में,
खोने की...

सिद्धार्थ मिश्र

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14 AUG 2017 AT 15:21

छोटी सी ज़िन्दगी
और उससे हज़ार शिक़वे
यह कौनसा हिसाब है
कुछ समझ नहीं आता

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13 MAY 2017 AT 13:28

हज़ारों शिकवे हज़ारों शिकायतें हैं मेरे मन में...
मगर जब तुम पास होते हो कुछ भी कहा नहीं जाता .....

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6 NOV 2020 AT 18:44

दिल में ही रख कर चले गए वो शिक़वे सभी

कि हमें "पराया" जताना जो ज़रुरी था....

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22 OCT 2020 AT 23:03

तुम करके कोई बहाना आते क्यों नहीं दिल में...

कि बहुत से शिक़वे आज भी दफ्न हैं इसी दिल में ....

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1 MAR 2020 AT 7:56

अब जो मिले है तो... शिक़वे गिले ना हो..!
बस इश्क़ हो... बस इश्क़ हो...!!

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31 AUG 2017 AT 23:43

सारे शिक़वे मैं तेरी मिटा देती..
इक बात जो तुम मेरी सुन लेते...

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26 JUL 2017 AT 18:02

जब तुम भी थे और मैं थी,
रंजिशें भी थी और तन्हाई भी,
कुछ रुसवे और रुसवाईयाँ भी,
मेरे शिक़वे थे और तेरे बहाने भी,
दुरी भी थीऔर नम आँखे भी,
हम थे भी एक दूसरे से इतने अलग
कि तेरे सोच और मेरे ख़यालात भी नही मिलते थे,
पर फिर भी..कुछ तो था हमदोनों में
मैं तुम्हें बिना कहे पढ़ लेती थी
और तुम बिना कहे मुझे सुन लेते थे,
मैं लाख जतन करती थी तुझसे दुरी को,
तुम बार बार आकर कह जाते थे,
मैं तुमको तुमसे ज्यादा पहचानता हूँ,
तुम कभी मुझे नही भूलोगी।
तुम कभी मुझे नही छोड़ोगी।क्योंकि...
तुम तो तुम हो और तुम ऐसी ही हो।
भला!! मैंने ही ये नहीं जाना कि,
एक दिन तुम्हीं मुझे भूलोगे!
एक दिन तुम्ही मुझे छोड़ोगे!!क्योकि ....
तुम तो तुम थे और तुम ऐसे ही थे।☺

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