शहादत 😢😥😓
जब निकलू तेरी गली से अपने पायल कि खंखांहत एक बार फिर सुना देना,
जब निकलू तेरी गली से चूपसे अपनी छत से झांक लेना,
जब आऊ तेरी गली में अपने आंखो में आशु अपने छुपा लेना,
जब आऊ तेरी गली में अपने आप को संभाल लेना,
मोहब्बत कितनी भी हो लेकिन अब पिता से ये सब छुपा देना,
ज़िन्दगी में दुखों का पहाड़ आएगा लेकिन खुद को संभाल लेना,
मेरी शहादत पर आशु बहाने वाले आंखो को चश्मे से पीछे ही संभाल लेना,
बहुत दर्द दिए जा रहा हुआ हो सके तो खुद को संभाल लेना,
मेरे पीछे मेरी बूढ़ी मां को भी कभी देख आना,
हो सके तो थोड़े दिन उनके मेरी शहादत की बात को छुपा देना,
उनका इकलौता बेटा शहीद हो गया इस गम को कुछ टाइम के लिए झुठला देना,
मेरे पापा के दुखों को भी हाल के आना,
बेटा शहीद हुआ है भारत मां कि सेवा में सीना उनका चोड़ा होगा,
आशु तो नहीं होंगे उनके आंखो में लेकिन गम उनके पास गम बेहिसाब होगा,
दुख तो उनको सबसे ज्यादा होगा लेकिन उनको भी थोड़ा समझा देना,
हो सकें तो अपने साथ मेरे परिवार को भी संभाल लेना,
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