तेरे होंठ गुलाबी मुझे भाने लगे,
रात दिन तेरे ही ख्वाब आने लगे।
तुम्हारी नजर का जादू यूँ चला,
तेरी नैनों की वादी में नहाने लगे।
तुझमें ही खोये रहतें हैं हरदम,
और तेरा ही गीत गुनगुनाने लगे।
प्यार की ये जमीं जो बन्जर थी,
उसपे हम भी फ़सलें उगाने लगे।
तुम्हारे कदम बढ़ रहें है यूँ इधर,
तेरी राह में पलकें बिछाने लगे।
तुम आकर रहोगी यही सोचकर,
अपने दिल का कमरा सजाने लगे।
मेरे पास आ तुझे अपना बना लूँ,
ये जमाना ना बीच में आने लगे।
जन्म जन्म का तुम्हारा साथ रहे,
अपनी तकदीर तुम्ही से बनाने लगे।
तुम मेरी हमसफ़र हो और रहोगी,
तेरे साथ मिलकर सपने सजाने लगे।
वफ़ा का जुनून अब कुछ यूँ चढ़ गया,
दुश्मनी के वादे भी हम निभाने लगे।
-