QUOTES ON #वफ़ा

#वफ़ा quotes

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9 SEP 2020 AT 12:18

खुदको खुद से खफ़ा लिख रही हूँ
हाँ बेवफ़ा मैं वफ़ा तेरे नाम लिख रही हूँ

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13 JUL 2018 AT 22:00

जाते जाते भी अपना हुनर दिखा गई
खुद को सही,मुझे गलत साबित कर गई

मैंने भी मुस्कुरा कर सारे गुनाह कबूल कर लिए,
वो वफ़ा की मूरत,मुझे बेवफ़ा साबित कर गई

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आसान नहीं है उन बे-इरादा हुए वादों को सोचना ...
हर एक वादा अलग से जान लेता हैं जनाब....😢

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5 OCT 2018 AT 21:09

देखा जब मुहब्बत का कब्रिस्तान पहली दफ़ा,
लगा युँ कि हर कब्र में वफ़ा दफ़न हो जैसे...

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29 APR 2019 AT 6:46

धूप में
कुछ तन्हा..पेड़ों को देखा..

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जल रहे थे..वफ़ा निभाने वालों के जैसे..




कल रात भर सफर रहा दिल्ली का ,😊

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10 AUG 2018 AT 10:35

वादा करो कि कभी एक साथ नहीं रूठना
मैं रूठ जाऊ, तो फिर तुम ना रूठना,

इश्क़ में आएंगे तूफान हिज्र के
नाजुक पलों में साथ ना छोड़ना

तन्हाईयाँ घेर लेती है,पाकर अकेला मुझे
मुझे एक पल भी तुम अकेला ना छोड़ना

डालेगें बेड़ियां मजहब की ये दुनिया वाले
हम परिंदे इश्क़ के,हमे क़बीला ना देखना

वफ़ा रही प्यार में तो शहर-ए-इश्क़ मिल जाएगा
तसर्रूफ़ात की दुनिया से हमे पता ना पूछना

मोहब्बत दिल मे रहे, दिमाग़ को पागल ना करे
लेकर कच्चा घड़ा,पानी में ना कूदना

टूट जाऊँगा कांच सा,साथ जो छोड़ दिया
इश्क़ के मारो में "मुनीश"का नाम ना जोड़ना

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30 SEP 2017 AT 11:29

तक़दीर ये वक्त का जुदा क्यों है...
जब तलख मोहब्बत गजब की है,,
और आंसुओ में नाम तेरी वफ़ा का है😮

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4 JUN 2020 AT 16:22

Agar, manay koi galat tumko
Apni galiyan tum bhi badal dalo
Jo na karay tum par ayetbar
Tum bhi usay nazar andaz kar dalo
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25 AUG 2017 AT 22:23

आराम जो मेरे रूह को दे,,वो तेरी एक वफ़ा ही है😘

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15 JUL 2020 AT 7:56

तेरे होंठ गुलाबी मुझे भाने लगे,
रात दिन तेरे ही ख्वाब आने लगे।
तुम्हारी नजर का जादू यूँ चला,
तेरी नैनों की वादी में नहाने लगे।
तुझमें ही खोये रहतें हैं हरदम,
और तेरा ही गीत गुनगुनाने लगे।
प्यार की ये जमीं जो बन्जर थी,
उसपे हम भी फ़सलें उगाने लगे।
तुम्हारे कदम बढ़ रहें है यूँ इधर,
तेरी राह में पलकें बिछाने लगे।
तुम आकर रहोगी यही सोचकर,
अपने दिल का कमरा सजाने लगे।
मेरे पास आ तुझे अपना बना लूँ,
ये जमाना ना बीच में आने लगे।
जन्म जन्म का तुम्हारा साथ रहे,
अपनी तकदीर तुम्ही से बनाने लगे।
तुम मेरी हमसफ़र हो और रहोगी,
तेरे साथ मिलकर सपने सजाने लगे।
वफ़ा का जुनून अब कुछ यूँ चढ़ गया,
दुश्मनी के वादे भी हम निभाने लगे।

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