भुला नहीं सकेंगे हम, अपनें वीरों के बलिदानों को।
उनके परिवार के रुदन को, बच्चों के अरमानों को।
बहुत हुआ शांति-समझौता, इनको अब सबक सिखाना होगा।
पीठ पर जो मारा है खंजर, इनको भी आंख दिखाना होगा।
प्रतिशोध की भड़की है जो, ज्वाला अब यूँ अटल कर दो।
मसला अक्साई चीन-लद्दाख का, लगे हाथ ही हल कर दो।
गलवान घाटी में करके हमला, कब्र तुमने खोदी है।
चीन सुन बैठा है जो दिल्ली में, बाप तुम्हारा मोदी है।
छक्के छुड़ा दिये पाक के, कुछ वैसे ही तालीम पे हो।
मोदी जी बस यही गुज़ारिश, अगली स्ट्राइक चीन पे हो।
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