एक वादा किया था ना तुमसे
वो आज तक निभा रही हूँ ,
इसलिये इस दर्द को अब तक
दिल के किसी कोने में छिपा रही हूँ ।
सोचती थी कि किसी से दर्द बाट लू,
बैठ कर हाल-ए-दिल बयां कर लू
पर तुमसे वादा किया था ना ,
तो मै आज भी निभा रही हूँ ।
हर रात तकिये से आँसू पोछती हूँ
सोचती हूं बैठ कर किसी अपने के पास,
जी भर रो कर हल्का कर लूं दर्द दिल का
पर वादा किया था ना,
तो अभी तक निभा रही हूँ।
बिना किसी को बताए
आज भी दर्द -ए-दिल को
बस दिल के किसी कोने में छुपा रही हूँ।।
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