मुलाक़ात होगी, हसीॅं बात होगी
तुम इक बार बाहों में आकर तो देखो
हर तरफ़ बस मुहब्बत नज़र आएगी
ये नज़रें तुम हमसे मिला कर तो देखो...
सुकूं भी मिलेगा, नशेमन भी सजेगा
तुम वफ़ाओं की महफ़िल में आकर तो देखो
क्यूं डरते हो जानां कि धोखा मिलेगा
तुम अहद-ए-वफ़ा बस निभा कर तो देखो...
है गर शक़ ज़रा भी तुम्हें मेरी वफ़ा पर
तो ऐ जां मुझे आज़मा कर तो देखो
हम तुझमें ही तुझमें बस खोए रहेंगे
तुम एक बार मुझमें समा कर तो देखो...💞
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