QUOTES ON #वतन

#वतन quotes

Trending | Latest
24 AUG 2018 AT 0:52

रंगों पर क्या बवाल कर रखा है
वतन को बदहाल कर रखा है

पीछे बिरयानी के भागे हर कोई
रोटी के ऊपर सवाल कर रखा है

ठोके ताली झूठ पर हर कोई
सच्चाई को हलाल कर रखा है

जो चला गया पूछे उसे हर कोई
रुकने वाले पर मलाल कर रखा है

माँ बहन याद करता हर कोई
हर लड़की को माल कर रखा है

रंगों पर क्या बवाल कर रखा है..

-


1 SEP 2019 AT 12:25

ऐ महबूब 💑 मेरे तू मुझसे मोहब्बत ऐसे करना...💝








आगे अनुशीर्षक में नीचे पढ़े🙏👇

-


2 APR 2020 AT 1:14

ऐ खाक-ए-वतन हम इस हद से भी गुजरेंगे
तेरी माटी में पैदाईश तेरी माटी में ही दफनेंगे

-


14 FEB 2021 AT 10:50

भारत भू की मिट्टी से ये बदन हमारा बना हुआ है,
शेरों की मुस्तैदी से ये वतन हमारा बना हुआ है,

ना भूलें है, ना भूलेंगे उन वीर शहीदों की गाथाएँ
जान गँवाई जिन वीरों ने नमन हमारा बना हुआ है।

-


8 JUL 2019 AT 13:00

ज़रा वतन की मिट्टी से भी यारी रख
दिल में बस इतनी सी बात हमारी रख

नेकी करके भले ही दरिया में डाल
दिल में अपने ज़िन्दा तू खुद्दारी रख

हर लड़की की एक ही जैसी इज्ज़त है
ज़रा कुछ तो अपनी तू ज़िम्मेदारी रख

जो भी आता है उसके साथ मिल जाता है
अच्छे-बुरे की अपने अन्दर होश़ियारी रख

रिश्ते बहुत अनमोल होते हैं इकट्ठे कर ले
भले ही उसके लिए दिल में अलमारी रख

जो भी हो रहा है हमारा किया कराया है
सब ठीक करने की अब ख़ुद तैयारी रख

मौत आयेगी तो बच नहीं पायेगा "आरिफ़"
चाहे बचने के लिए बन्दूक तू सरकारी रख

लिख ले "कोरे काग़ज़" सबके मान के लिए
अल्फाज़ पूरे और कलम को अहंकारी रख

-


15 AUG 2018 AT 10:45

लहु बहा था किसी का, किसी ने सुली पे साँसे चढ़ाई थी,


हस कर जान दी है वीरों ने, यूँही नही हमने आज़ादी पाई थी।।

-


1 JUN 2021 AT 9:32

सोये हुए दिलों में जज़्बात चाहिए,
आदमी में आदमी की जात चाहिए।

ज़हर पी रहा है और ज़हर उगल रहा है ,
अपनी शह और दूसरे की मात चाहिए ।

नफ़रत और द्वेष ज़हनों में भर गए हैं,
प्यार भर जाए दिलों में वो बात चाहिए।

हिंसा से ही मसलें क्यूं हल हो रहे हैं,
हर दिल में नरमी की सौगात चाहिए।

डर-डर के जीने से हम बाज आ गए,
महफूज़ रह सके घरों में वो हालात चाहिए।

अपनी ही गर्ज में बस इंसान जी रहा है,
फिक्रमंद हो सभी का ऐसी करामात चाहिए।
........ निशि ..🍁🍁

-


24 AUG 2020 AT 13:27

बहुत प्यास लग रही है कुछ पानी चाहिए
उस पानी से मिट्टी की ख़ुशबू आनी चाहिए

मिट्टी से ही आया हूँ मिट्टी में मिल जाऊँगा
ये हिन्द की मिट्टी है सर पर लगानी चाहिए

मुझे मज़हब में न बाँटो मज़हबी नहीं हूँ मैं
इंसानियत को क्या कोई निशानी चाहिए?

अकेला ही ठीक हूँ मुझे कोई पसंद न करो
मिट्टी का दीवाना हूँ मुझे इक दीवानी चाहिए

लड़ रहे हैं जो मज़हबी इस मिट्टी के नाम पर
उन दुश्मनों को घोलकर ज़रा पिलानी चाहिए

'आरिफ़' भी इन्सान है इंसानियत पे मौत हो
किसी और काम को नहीं ज़िन्दगानी चाहिए

-


9 JUL 2019 AT 7:49

धर्म, अधर्म और इज्ज़त की बात करते हैं लोग
फ़िर क्यों किसी की नीची ज़ात करते हैं लोग

सरफरोशी क्या है कभी किसी ने नहीं जाना
उसपर भी हज़ारों से मुलाक़ात करते हैं लोग

जो मिला उसको हिदायत देने से नहीं चूकते
भले ही बड़े-बड़े गुनाह दिन-रात करते हैं लोग

हमारी ही कड़वाहट ने उड़ा दी मिट्टी की खुश़बू
क्यों अपनी अलग-अलग जात-पात करते हैं लोग

गरीबी और लाचारी खोखला कर रही है सबको
फ़िर भी क्यों ज़ख्मों को जज़्बात करते हैं लोग

धरती को माँ कहकर उसी के नाम की कसम खाई
आजकल माँ से ही क्यों अब बुरी बात करते हैं लोग

ज़ुल्मों में शरीक़ होना भी एक गुनाह है "आरिफ़"
आजकल कहाँ इसकी मालूमात करते हैं लोग

"कोरा काग़ज़" सबके पास है कोई नहीं लिखता
दूसरों के कहने पर ही छह को सात करते हैं लोग

-


19 JAN 2020 AT 13:21

वतन की माटी को लबों से चुमते हैं,
आओ हम चाय को कुल्लड़ से चुमते हैं...

-