जो हमें खुद की नजरों से परखने मे लगे है न, उनके लिए,
तुम्हें वक़्त लगेगा हमें समझने मे, और हमारे पास ज़रा भी बेफिजूल वक़्त नहीं तुम्हें देने को। तुम्हें जो सोचना हैं सोचो मेरे बारे में, कोई फर्क नहीं पड़ता, आज बता रहे है, फ़िर ना आएंगे बताने को। 🙂
कुछ यारो ने वक़्त की कीमत बताई है परिवर्तन जरूरी है ये बात समझाई है फुरसत में नहीं होती कभी मैं शिकायते थी सबको ये फिर भी वक़्त आने पर मैनै दोस्ती जरूर निभाई है बदलाव अच्छा है चलो मान लिया पर रिश्ते भूल जाने में कौनसी भलाई है?