बच्चे ख़ुद माँ बाप को छोड़कर जाने लगें हैं,
दूरी बता कर त्यौहार घर से बाहर मानने लगें हैं,
दोष देते हैं उन माँ बाप को आज,
जो सदियों से रख़ते हैं हमारा ख़्याल,
जिन्होंने अपनी खुशियां लूटा दी,
हमारे सुख में.........
आज बच्चें त्यौहार कैसे मनाते हैं,
ये माँ बाप को समझाने लगें हैं।
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