खूब पढ़ने का शौक़ पाली हुई लड़की को पढ़ाया नहीं गया और ब्याह दी गई किसी गंवार के घर ... आज भी उसके अंदर लालच है। किसी के पैसो का नहीं ना ही सुन्दर कपड़ों का ना ही किसी आलीशान महल का.... ..... केवल लालच है तो पढ़ने का... आज भी ललचाई निगाहों से देखती है किताबों को... बसतों को... स्कूल जाते बच्चों को... किसी पढ़ते को.... स्कूल को.... कागज़ कलम को....