QUOTES ON #रोशन

#रोशन quotes

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6 SEP 2018 AT 22:13

जब जब वो आती है अँधेरा ओढ़कर
मेरी रातें रोशन कर जाती है

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15 MAY 2018 AT 5:38

हर रात
थोड़ी सी रात
छोड़ जाती है मुझमें।

रखता हूँ रोशन
उन रातों के टुकड़ों को
तेरी यादों के दीप जलाकर।

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4 AUG 2017 AT 12:57

कभी-कभी बहुत खाली लगता है,
मुझे मेरा अपना आप,
न कुछ अंदर महसूस होता है,
न कुछ बाहर दिखाई देता है,

कभी-कभी बहुत सूना लगता है,
मुझे मेरा अपना आप,
न कोई शोर करता है,
न कोई आवाज़ लगाता है,

कभी-कभी बहुत पराया लगता है,
मुझे मेरा अपना आप,
न मुझे पहचानता है,
न मुझे अपनाता है,

कभी-कभी मुझे अपना लगता है,
मेरा अपना आप,
मुझे समझता है,
गले लगाता है,
मुस्कुराता है,

अँधेरे में रोशन हो जाता है...

-aRCHANA




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27 OCT 2019 AT 9:48

लो आया दीवाली का त्यौहार,
हम निकले भरी दोपहरी,
ख़रीदने बाज़ार.....
बाजारों की गलियों में,
वो चकाचौंध की रोशनी में,
वो तंग भिड़ी गलियों में,
थोड़ी सी धक्का मुकी में,
कुछ अपनों की भीड़ में,
थोड़ी सी जल्दीबाजी में,
हम उसको देखना भूल गए,
शायद हम लेंना भूल गए,
कच्ची माटी के वो पक्के दिए,
हम घर साथ ले जाना भूल गए,
बनाकर दिए कच्ची माटी के उसने,
थोड़ी सी आस पाली हैं,
तुम उसकी मेहनत भी ख़रीदना यारो,
आख़िर उसके घर भी तो दीवाली हैं,
जला कर उसकी आस का दिया,
तुम उसके घर को भी रोशन करना,
जब होगा रोशन दिया,
किसी के आस का तुमसे,
तो समझना दीवाली हैं,
मिटे जो अंधकार मन से,
तो समझो दीवली हैं,
तन से, मन की शान्ति हैं सच्ची,
तभी तो दीवाली अच्छी।

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27 OCT 2019 AT 20:54

मेरा नाम,
सदा रोशन करते दिल में, दीप तेरे नाम

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22 APR 2018 AT 9:23

रोशन किया जिन्हें वो ही जलने लगे हैं
बन के साँप आस्तीन में पलने लगे हैं
उठ गया है भरोसा इस जमाने से
हम आजकल अकेले ही चलने लगे हैं

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26 SEP 2018 AT 9:17

तेरे ख़्वाबों के सूरज से
रोशन मेरी रातें

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30 JAN 2021 AT 23:25

मेरी ज़िंदगी में अँधेरा और काँटों भरा आँगन था मगर
चराग़ भी उन्हीं को मिले मियाँ घर जिन का रोशन था

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8 JUL 2017 AT 19:38

शब नहीं होती
उसके बिन
सहर नहीं होती
शब-ए-नमिस्ताँ सी
लगती है हर महफ़िल
मेरी महफ़िल उसके बिन
रोशन नहीं होती
तीरगी-ए-शब में डूबा रहता हूँ
मुझे बाद-ए-सहर अब
महसूस नहीं होती
वो साथ होती तो यूँ होता
वो साथ होती तो ये होता
वो हर शब हर सहर
मेरे साथ क्यूँ नहीं होती
के अब छेड़ दे वो आकर
इज़हार इक़रार की बातें
उसके बिन अब
इस गुल में बहार नहीं होती
- साकेत गर्ग

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28 FEB 2021 AT 20:21

किये बहुत किये रोशन ग़ैरों के घर मगर
ता-उम्र अँधेरा रहा यार दिये के घर मगर

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