तुम्हारी नियत सही होती तो नीतियों में असर दिखता••••••••••••••••• कभी सिस्टम की गड़बड़ी कभी हमे आपस मे उलझाना थक गया है युवा तुम्हारे झूठ से देख लेते गर हमारी संघर्ष को आज युवा शर्मशार ना होता•••••••••••••• वक़्त बर्बाद ना करो ठेकेदारों तुम बैठ कर लटक ना जाये कोई युवा रिजल्ट तक••••••• कभी जो रौनक थे महफ़िल के वो आज माँ से भी नही मिलता ••••••••••• तुम खुद को आगे तो लेके चले गए पर हमें कहीं दूर पीछे छोड़ गए•••••••••••• कभी महंगाई ने मारा तो अपनो ने तुम्हारे झूठ से हमारा घर नही चलता••••••• किसे किसे मैं अपना वक़्त दु चलो दे भी दिया मगर कब तलक दोस्त छूट गए घर छूट गया और वो भी••••• नीतियों के मारे है युवा हिम्मत न हारेंगे मगर उनका क्या जिन्हें नियत ने मारा है•••• बेरोजगारों है हम हमे कुछ ना चाहिये बस समय पर हमारी एग्जाम लीजिये••••••• --------------- Danish(ppt)
जिन हाथों ने हमेशा किसी न किसी पार्टी का झंडा ढोया है, आंदोलन में तख्तियाँ ढोई हैं, जो दुसरो के लिए नारा लगा लगा कर आकाश फाड़ देते हैं, जमीन फाड़ देते हैं वह युवा इन हाथों में काम कब पायेगा ?