काश कर पाते हम इश्क चातक सा
काश होती प्रीत हमे भी सारन सी
बादल बादल छान कर
ऊँची उङान भर कर
#चाँद को पाने की चाह मे
प्राण अपने त्यागते
काश...कर पाते इश्क चातक सा
जोङा बना कर साथ निभाना
जोङी टूटे प्राण गवाना
निर्मेष प्रेम मे जीवन बिताना
काश... कर पाते हम इश्क चातक सा
सुनकर पुकार पपीहा की
सुनकर कर दर्द सारन का
मन द्रवित हो जाता
काश...कर पाते इश्क चातक सा
न वो बात रही अब इश्क मे
न रही वो कशिश
#वो_इश्क़_अलग_था
#वो_इश्क़_अलग_था
रूहानी इश्क अब कहा रहा
जिस्मानी बातो पर आमादा
काश...कर पाते इश्क चातक सा— % &-
आह....पहली मुलाकात
हा आज पहली मुलाकात है उनसे
सोचती हू कैसे मिलने जाऊ
सहमी सिमटी जाऊ या
बेधड़क बेवाक मिल आऊ
पहन सलवार कमीज जाऊँ,
या साड़ी से सजकर जाऊँ
बालों मे फूल लगाकर जाऊँ ,
या जूड़ा उनसे सजवाऊँ
कहदूं बात दिल की जुबाँ से ,
या नज़रों से समझाऊँ
आज पी से मिलन की घड़ी
मै कैसे मिलने जाऊँ
करू मै कुछ ऐसा कि खुदको
न भुला पाऊँ
अनमोल जो पल मिले इनकों
मन भर कर जी आऊँ
हो ये मिलन उम्र भर का
या ये पल हो आखिरी
बस बन जाये इक हसी खजाना
ये पल मै ऐसे बिताऊँ
उम्रभर ना इन पलों को भुला पाऊँ
पहली मुलाकात मेरी कुछ
ऐसी यादगार बनाऊँ-
सजा के मुकुट मोर पंख से
शीश पर धारण करलिया
मुरली लगा अधरों से
बृज को पावन कर दिया
अद्भुत छटा सांवरिया
🌺🌿
मधुर मधुर मुस्काए कान्हा
छवि निराली बिहारी
हर कोई इन पर है बलिहारी
कालिया मर्दन कारी
गोपी हृदय बिहारी
🌺🌿
हाथी घोड़ा पालकी.!
जय कन्हैया लाल की.!
🌺🌿-
अधूरे अल्फाज़ , अधूरे ख्वाब
अधूरी सी बात लिये
हम चल पड़े कठिन राहों पर
अधूरी सी कहानी ,
बिन बुने से सपने लिये
लिखने को इक नई इबारत
निकल पङे मुश्किल राहों पर
अधूरा सा मंजिल का निशां
अधकच्चा सा राह का गुमा
पाने को सपनों का जहाँ
हम चल पङे जटिल मुकाम पर-
वो प्रेम ,अनोखा प्रेम, तीस्ता-रंगित सा प्रेम,
अनछुआ , अनकहा सा प्रेम
असीमित, अपरिमित सा प्रेम
हिमालय के दूधिया पहाड़ों से निकलकर
चल पड़े दोनो चीड़ों की छाया तले
लगाकर होड़
सूरज के ताप से बचते
मानो सब बंधनों को तोड़
इतराते,बलखाते, इठलाते,
कुदते ,जीतने की चाह लिये
गाँव, पुल और रेल पीछे छोड़
बहे जाते मैदानों ,
सरहदों को छोड़
धर्मों, मजहबों से परे,
बुर्श से सजा अपने हरे तन को
लो तीस्ता निकल पड़ती ,
ब्रह्म पुत्र मे समाने को
मानो दे रही संदेश ,
प्रेम अपना हर हाल मे निभाने को
वो अमर प्रेम तीस्ता - रंगित सा प्रेम
#रेखाशर्मा #बज़्म-
LOVE YOU HAVE COME BACK AGAIN.
CREPT IN TO MY SKIN. TREMORED
MY MIND. ROSED ME, SPRED IN TO
MY HEART,FALLING IT WITH HOPE,
AND WHAT DO I SEE, YOU ARE
ALREADY LEAVING. THINGS WE LOSE
HAVE A WAY OF COMMING BACK. TO
US IN THE END. IF NOT IN THE WAY WE
EXPECT.-
खुद से बङी जब परछाई हो गई
रौशनी से ज्यादा अब स्याही हो गई
ढुंढने निकले जब खुद को ही
तो खुद से महंगी खुदाई हो गई-
💕💕जहाँ से निकलो अपनी महक छोड़ दो
जिस महफिल में बैठों अपनी धमक छोड़ दो💕💕-
दिल की हर बात तुझे बताती हूँ
मै दिल मे कहा कुछ रख पाती हूँ
तुम मेरी दोस्त है इस दुनिया मे
जब दिल करता है रो लेती हूँ
माँ तेरे कंधो पर सर रख कर
जब दूर होती हो मुझे से
बहुत कुछ सह जाती हूँ
यही आस रहती है मन मे
बहुत जल्द तुम को देखुंगी मै
माँ तुमसे हूँ मै तुम बिन कुछ नही
माँ का साया बना रहे
तेरा आँचल सदा रहे
माँ की ममता बरसती रहे
दुआ तेरी हमे मिलती रहे
माँ तुमसे हूँ मै तुम बिन कुछ नही-
आह....
आजकल मेरा मेरे अल्फाज़ो से नाता टूट गया
कलम भी नाराज है हर शब्द रूठ गया
लिखने को बहुत कुछ है लेकिन कैसे लिखूं
कभी कलम नही मिलती कभी अल्फाज़ खो गया
अधूरे किस्से कितने है बाकी कितनी कहानियाँ है
अभी तो तुम्हारा दिया पहला गुलाब भी लिखना है
ए_काश लौट आये वो लम्हे फिर
लिख दूं जिन मे वो गुजरी शामों के किस्से
काश मिल जाये वो लम्हा मुझे
जिन लम्हों मे मेरे शब्दो का साथ छूट गया
मना लूंगी मै वापस बुला लूंगी बस एक बार
मेरी खोई कलम का पता तो बता
अधूरी हू मै मेरी कविता बिना
मेरे जीवन का सार इसे ही पाया-