QUOTES ON #रुत

#रुत quotes

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7 FEB 2021 AT 20:10

कोई तो माली लगाएगा मेरे हिस्से की क़लम
न जाने किस रुत में मेरे हाथ गुलाब आएगा

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23 JUN 2017 AT 23:47

कुछ यूँ बिखरे हैं एहसास इधर उधर
जैसे सरसो भरा सूप , जैसे सर्दी की धूप
जैसे मेरे हाथों से छूटा वो तेरा हाथ
जैसे बारिश की रुत जैसे अमावस की रात

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17 JUL 2017 AT 1:05

पतझड़ के पत्तो ने कहा, न रौंदो हमें यूँ पांवो में,
पिछली रुत में तुम्हीं तो, बैठे थे हमारी छाँवों में 

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24 JUL 2021 AT 13:50

निकलता उम्मीद का सुरज और रुत जवां हो जाती
काश ये जिंदगी मुझपर भी मेहरबां हो जाती

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12 AUG 2019 AT 18:26

आती रुत मुझे रोएगी, जाती रुत का झोंका हूँ ।
अपनी लहर है अपना रोग,दरिया हूँ और प्यासा हूँ ।।

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29 MAY 2021 AT 19:46

और अब मौसम का हाल सुनिए,
आँखों को सावन लगा कि रोइए।

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4 NOV 2022 AT 9:14

बेसब्री की बेचैनी को सब्र अता कर मौला
कुछ ख़्वाइशें परेशां सी फिरती हैं बहुत
अब उन्हें मौत अता कर मौला

ज़ाफरानी इश्क़ है, ज़र्फ़ अता कर मौला
सब्ज़ ख़्वाब पाले बैठा है ये नासमझ
ज़र्द पत्तों का ज़रा हाल दिखाया कर मौला

तेरे होने में उसका होना मान बैठे हैं
महज एक पत्थर की मूरत है तू भी
मेरा यकीं_ओ_बंदगी झुठलाया कर मौला

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9 FEB 2019 AT 0:46

कौन कहता है .. ??

बारिशें .. बादलों की संपत्ति है .. !!

सहरा और समंदर के .. प्रेमपुरित सम्मोहन से उत्पन्न

इनके प्रेम की निशानी .. इनकी संतति है .. !!

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12 NOV 2017 AT 20:25

क्यूँ तुम्हें ढूंढता हूँ मैं चारों तरफ,
क्यूँ नहीं दिखती अब वो रवानी//
क्यूँ नयी सी लगती है हर बार सुनकर,
तेरी और मेरी मोहब्बत की कहानी//

क्यूँ बदलते मौसमों में खो गयी है,
हमारी जिंदगी की वो रुत सुहानी//
क्यूँ रूठ गया वो मिट्टी का पुतला,
क्यूँ कच्चे घड़े सी जिन्दगानी।।
क्यूँ कच्चे घड़े सी जिन्दगानी।।

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2 FEB 2020 AT 21:51

उपमारहित विवेचना
निरुपम रुप श्रृंगार
अप्रतिम अद्वितीय रुप
अनुपम अनन्य बहार
अनुण अपूर्व वसंत ऋतु
अतुल्य अघोष स्वरुप
अवर्णीय मनोहर रुत
रम्य रमणीक सुरभूप..

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