पाँव में छाले, चप्पल ढीला
लाल पसीना, चेहरा पीला
क्षीण देह, और बदन गठीला
मानो भीत में, ठोका कीला
सर पर गमछा, हाथ में गाँठें
कपड़ों पर, पैबंद को टाँके
खींच रहा है, बोझ को ऐसे
खिंचती चींटी, खाना जैसे
दो-दो सवारी, भारी बक्सा
फिसलता चप्पल, लुढ़के रिक्शा
चेहरे पर मुस्कान मगर है
मेहनतकश इंसान अगर है।।
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