कहाँ जाना है,
जो इतनी जल्दी में हो तुम
थोङा ठहरो जरा
बङी उलझन में हो तुम
रूको, बैठो, सोचो, जरा
किस ओर जाना है तुम्हें
यूँ भेङ चाल के पीछे
ना कदमों को बढाओ तुम
जिंदगी तुम्हारी है
तो सपने भी तुम्हारे
अपने होने चाहिए
कब तक लोगों के
पीछे -पीछे चलकर
भेङो की टोली में शामिल होकर
अपना अस्तित्व भुलाओगे तुम
नयी सदी की नयी किरण हो
कब तक अँधियारे में छुपे रहोगे
अबके नया इतिहास तुमको है गढ़ना
कब तक यूँ इतिहास दोहराओगे तुम ॥
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