कि किसने दस्तक दी,
इस दिल पर कौन है,
कि आप तो अंदर है,
बाहर कौन है????
अलविदा🌹-
वो इस बेरंग दुनिया में ,अल्फाजों को पिरोकर शायरी बना गया .....
कुछ को मुहब्बत करना , तो कुछ को जीना सीखा गया .....
काफी खिलखिलाता सा चेहरा ,और हर वक़्त खुशियां बिखेरता गुलदस्ता था .....
वो मनमोजी सा रब्ब का बन्दा,लाखों की सांसे जीत लेता था ,जब मंद मुस्कुराहट के साथ हंसता था ....
#राहत इंदौरी साहेब
-
फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए
इश्क़ हो या जंग भरपूर होना चाहिए
(राहत साहब❤️❤️)💐💐💐-
खुदरंग था, ज़माने से थोड़ा अलग सोचता था,
उसे दिलों में सफर करने का शौक था चला गया,
हम बैठ राह देखते रहे कि डर कर पलट आयेगा वो,
पर इंसान तो वो बिलकुल बेख़ौफ था चला गया ।।-
इस जहा को जब सबसे ज्यादा राहत की जरूरत थी,
उसी समय हमारे "राहत" जी चले गए😣😣😣
ज़िन्दगी जीने का भी सबका अपना एक दायरा है,
लगता है ख़ुदा की महफ़िल में भी आज मुशायरा है,
#RahatIndori
#श्रद्धांजलि-
मैं खुश था इतने करीब से रूहे सुख़न को सुनकर
वो दिन ज़िन्दगी में सबसे अज़ीज रहा...
जब आपको अलविदा कहा था उस दिन
तो एक कशिश दिल में रह गई...
के राहत साहब...
एक शेर मुझ गरीब का भी जरूर सुनियेगा...
क्या पता था, वो मुलाकात आपसे आखिरी होगी...
अब बेचैनियों से शिकायत करूँ भी तो क्या...
आखिरकार किस्मत ने मुझसे मेरा
ख़ुदा छीन लिया।
(Rest in caption)-
अगर खिलाफ हो होने दो जान थोड़ी हैं
ये सब धुँआ हैं आसमान थोड़ी हैं
लगेगी आग तो आएंगे कई घर ज़द
यंहा पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी हैं
डॉ राहत साहब-
ऐसे कैसे कह दे अलविदा आपको
'राहत' का घर हैं दिल,झूठे कदर-दान थोड़ी हैं
पुश्तें याद रखेंगी, आपको मेरे रहबर
भुला देना अपनों को, आसान थोड़ी हैं
हालातों को पिरोना सीखा हैं आपसे
सुखी रोटी का टुकड़ा हैं नसीब ,
लकीरों में दस्तरखान थोड़ी हैं
हमें भी होना है इक दिन यहीं सुपुर्दे-ख़ाक
इस मिट्टी के पुतले पास, कोई वरदान थोड़ी हैं
क़तरा-क़तरा सहेजा कलम का ये श-ऊर
विरासत मिले हुनर, सियासतदान थोड़ी हैं
उलझी आज हैं जो, सुलझेंगी आप ही
यक्ष प्रश्न सा, pm-किसान थोड़ी हैं-
राहत गए,
बन मुरलीधर आज ही आएंगे,
अपनी मुरली की तानो में,
शायर की धुन सुनाएंगे।
-