QUOTES ON #रातें

#रातें quotes

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24 AUG 2018 AT 2:31

नहीं सोती मेरी रातें
अब तेरी 'ख़ैर' जाने बिना,
बेचैन करवटों में ही
रातें गुज़र जाती है,
कोई 'पयाम' आए बिना

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27 JUL 2021 AT 20:08

पहले में सोचता था
के..सबसे ख़ूबसूरत
चीज़ें सिर्फ़ अंधेरे में
ही क्यूँ दिखाई देती हैं,

जैसे के ...यह "जुगनू"
"चाँद" "तारे" औऱ..
औऱ बेहिसाब से
यह "ख़्वाब" तुम्हारे,

अब ख़ुद जब जीवन की स्याह रातों से राब्ता हुआ तो पता चला..
के उजालों की तलाश में पहले.. अंधेरों से गुज़रना पड़ता है!

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10 JAN 2020 AT 21:53

हट गई पुरानी तस्वीरें, लग गये नये रंग दिवारों में
इक पुराना जख़्म भर गया पऱ दर्द रह गया दरारों में,

आज फिऱ वो छू कर मुझको, गुज़र गया अजनबीयों सा
सपना हूँ पऱ तेरा अपना हूँ यह कह गया इशारों में,

अपनी-अपनी मंजिल पे, कश्ती से मुसाफिर उतर गये
ख़ाली-ख़ाली से बंधे हम रह गये किनारों में,

इतनी सारी खवाईशें हैं के आसमां भरा है सपनों से
अब कौन सा तारा टूटेगा यह ढूंढूं कैसे हजारों में..!

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9 DEC 2020 AT 21:26

जो पलकों पे आके.. यह आँसु रोक रहा हूँ
क्या कहेंगे लोग.. बस यह सोच रहा हूँ,

कहे फ़ूल महका तो हूँ पऱ
ताउम्र टहनियों पे.. बोझ रहा हूँ,

क्या करूँ ज़िन्दगी तुझसे शिक़वा
खफ़ा तुझसे तो मैं हर रोज़ रहा हूँ,

उफ़्फ़.. अब क्या दिन आ गए तन्हाई के
आँखें बंद करके.. रखी चीज़ें खोज़ रहा हूँ!!

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23 JAN 2021 AT 19:47

मेरे रिश्ते बड़े गहरे हैं जख़्मों से
मिले हैं कुछ ऐसे गम अपनों से,
खवाईशें ताउम्र यूँ दब के रह गईं
जैसे खुले काज़.. दब जाते हैं बटनों से,
उजालों में तो वो कहीं ना मिले
मुझे बहुत शिक़ायत है रात के सपनों से,
उफ़्फ़.. उसने सब खोया कितनी आसानी से
पाया था जो ताउम्र बड़े जतनों से,

मुसाफ़िर.. तू कितने भी रंग बदल ले चाहे
पऱ रंग बदलेंगे.. नहीं कफनों के!!

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16 SEP 2019 AT 23:26

मंज़िल ना सही,
पऱ उसके सफऱ में तो हूँ,
मैं ख़ुश हूँ के...
मैं रास्ता ही सही,
पऱ उसकी नजऱ में तो हूँ..!

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24 AUG 2019 AT 20:50

रहे यूँ तो कई शिक़वे... ख़ैर,

तेरे बग़ैर सोचा ना था के गुजरेगी,
पऱ गुज़र ही गयी ज़िन्दगी तेरे बग़ैर...!

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11 MAR 2019 AT 17:16

अक्सर,
मैं तुम्हारी तस्वीर से बातें करती हूँ
तुम्हारी खूबियाँ, मेरी खामियाँ,
गिनके रातें खर्च करती हूँ।

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12 SEP 2019 AT 23:15

आंखों से निकला है यह पानी,
अब चलना साथ-साथ इसके सहारों से,
बनेंगे फ़ासलों के नाले-नदी-दरिया-समुंदर,
हम सदा रहेंगे...."फ़राज़", दो किनारों से...!

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23 OCT 2018 AT 23:02

जितनी हंसी,
मेरी सुबह है...
रातों को भी उतनी,
हंसीन बनाओ ना..!

चांद जो उगता है ,
आसमां में...
चुपके से उसे ,
मेरे घर लाओ ना...!!

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