देखें करीब से तो, अच्छा दिखाई दे,
इस शहर में, हर शख्स, अच्छा दिखाई दे।
परेशानियों के भंवर में, समस्या दिखाई दे,
समस्याओं के पीछे मुझे, उम्मीदें दिखाई दे।
जब ढूंढता हूं, उसको में, अपने हल के लिए,
एहसास है उसका, कोई रास्ता दिखाई दे।।
अकेलेपन का एहसास,अन्तर्द्वन्द दिखाई दे,
मिलता है जो अजनबी,मुझे अपना दिखाई दे।
एक अंधेरी रात में, न कोई रास्ता दिखाई दे,
चांद की आहट मुझे, हंसती दिखाई दे।
ना समय है, ना सब्र है,उम्मीदों का एक भंवर है,
उसी भंवर में,अपना जीवन अच्छा दिखाई दे।
देखें करीब से तो, अच्छा दिखाई दे,
इस शहर में, हर शख्स, अच्छा दिखाई दे।।
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