ऐ रकीबों मुझे तुम से दुश्मनी नहीं है।
मैं इतना जानता हूं वो तेरे लिए बनी नहीं है।
दिल में कोई दिमाग में कोई और है उसका,
छुप कर देखना वो तेरी भी दीवानी नहीं है।
और उसकी मासूमियत से भटकना मत,
ये साजिश है हरकत कोई बचकानी नहीं है।
मैं तुम और ना जाने कई पहेली है जीवन का,
हम उसके जीवन का कोई कहानी नहीं है।
और प्यार का सही मतलब वह जान पाए ,
वो इतनी भी हुई सयानी नहीं है।
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