गणित की कक्षाओं में..y का मान ज्ञात करने के लिए . x का मान कुछ भी मान लेना मेरे लिए उतना ही जटिल था जितना साहित्य की कक्षाओं में सरल रहा प्रेम का मान ज्ञात करने के लिए मेरे द्वारा कल्पना का मान तुम्हें चुना जाना
इक हँसी लिए अपने लबों पर, छुपा कर अपनी हर तड़पन को, कर गुमराह हर इक आंसू को, उस लम्हे बस उस प्यारी सी, मुस्कुराहट को, दिल भरने तक, महसूस करके खुश होने को, तड़प रहा हूँ मैं... (see caption)