यह मनचाहा मौसम कभी भी दस्तक दे जाता है, यूं कहो तो दिल में अपनी याद खुल कर दे जाता है।।
रातें तो शाम में हुआ करती है,
एक मौसम को देखने के लिए।।
अब तो बेमौसम ही बारिश हुआ करता है,
झिलमिल बरसात और ये खूबसूरत सी यादें,
वह शाम की बूंदें यूं बंद आंखों को भी भिगो जाती है।।
अब इसमें भीगना भी एक एहसास दिलाता है,
तन बदन को भी भिगो कर चला जाता है।।
रातें तो भी अंधेरों में कट जाती हैं, जब मौसम छम छम कर बरसना शुरू कर जाती है।।
यह तो एक मौसम की झंकार है,
बादलों से मौसम का बदलना, धुंध होकर अंधेरों का होना,
यहां एक नया आसमान दिखाई देता है।।
देखो तो जिंदगी का हर मौसम कुछ नया रंग भर कर लाता है,
आधे रास्ते में ही मौसम का साफ हो जाना,
सात रंगों में बिखर कर सतरंगी का रंग दिखाई देना,
एक इंद्रधनुष के रूप में अपने आप को दिखाई देना वाला,
एक नया रंग बिखर कर आता है।।
यह मौसम है, जनाब कभी झमाझम बारिश तो कभी अंधेरा तो कभी उजालों का दर्पण होता है।।
बेमौसम बारिश रिमझिम सा लगता है, बस रिमझिम सा लगता है।।
@By Vivek...
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