वो गलियाँ 🏃🏃
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वो मोहल्ले की शांत सुनसान गलियाँ ,
जो कभी चहलकदमी से , आबाद हुआ करती
हमारे तमाशों से ,
छुपा-छुपी , पिट्ठूल , कंचे , पकड़मपकड़ी
के खेल में , शोर मचाते रौनक भरते ...
हर पल रहती धमाचौकड़ी , पर कभी ना थकते
धूम मचाते , खूब झगड़ते , पर घरवाले
ना कभी यूँ पकते
शरारती बच्चे अब खो गए , मोबाइल वालों का
ये जमाना है
इंटरनेट , वीडियोगेम सब व्यस्त है , पर गलियों में
बस वीराना है ...
#कृष्णा ☺
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