QUOTES ON #मैंने

#मैंने quotes

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26 JUN 2019 AT 17:23

मैंने पापा को भी रोते देखा है ......


मैंने वक्त की तस्वीर को बदलते देखा है ,
नन्हें कदमों को हाथों से संभलते देखा है ,
बेचैन आँखों को झूठी नींदों में सोते देखा है ,
हाँ मैंने पापा को भी रोते देखा है ......

मैंने हौंसलों को धीरे - धीरे पस्त होते देखा है ,
गलतियों में आवाज को सख्त होते देखा है ,
बेरुखी में भी आँखों से प्यार बरसते देखा है ,
दूर देखकर मुझे हर बार तरसते देखा है ,......
हाँ मैंने पापा को भी रोते देखा है .......

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10 SEP 2021 AT 7:24

मैंने अपने हर मुसीबत और मुश्किलों को
इन पत्तों पर छुपा देखा हैं÷

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18 FEB 2020 AT 10:36

मैंने देखा है
'प्रेम' में
'निवाला' तोड़ते हुवे
'प्रेमी' को
'प्रेमिका' के लिए

कैसा होता अगर
'प्रस्तुति' का ये भाव
'प्रस्तुत' होता
'उत्पत्ति' के
'माध्यम' को

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1 APR 2019 AT 13:58

धरती से सीखा है मैंने
सहना ऒर कुछ न कहना
-© सचिन यादव

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22 JAN 2020 AT 13:00

मैंने बड़े करीब से खुद को टूटते देखा है
हर बार टूट कर खुद को संभलते देखा है।

मैं भूली तो नहीं उसे और उसके यादों को आज तक
मैंने हर रात उसके यादों से खुद को मिलते देखा है।

ये बरसों के बनाए रिश्ते बड़े अजनबी से लगते हैं
मैंने बरसों के बनाए रिश्ते को पल भर में टूटते देखा है।

बेशक वह भूल गया हो मूझे मेरी यादों की तरह
मगर मैंने आज भी उसके यादों में खुद को तड़पते देखा है।

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30 MAY 2019 AT 8:07

मैंने जब जब सर झुकाया अपना तेरे दर पे,
तब तब खुद को और भी मज़बूत ही पाया,
मेरी माँ.....

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23 APR 2021 AT 8:00

मैंने ख़ुद को गिरा के कई बार उठाया है तुम्हे..!
और तुमने तो गिरा हुआ ही समझ लिया हमें..!!

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1 APR 2020 AT 9:28

बच्ची क्या‌ केह दीया
की मैंने तुम्हें बच्ची
क्या‌ केह दीया ,
तू तो अपनी बचपना
ही दिखा दी !

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21 MAR 2022 AT 19:00

मैंने कभी ख़ुशी नहीं देखी
क्या तुम मेरे चहरे पर ख़ुशी लाओगी

सुना है तुम बहुत ख़ुश रहती हो
क्या तुम मुझे थोड़ा हँसा ओगी

मैंने बहुत कुछ टूटते हुए देखा है
क्या तुम मुझे जोड़ पाओगी

सुना है तुम वफ़ादार हो
क्या तुम मुझे वफ़ादार बना ओगी

लिखा है मैंने इस लिए
क्या तुम मुझे पढ़ पाओगी

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6 MAY 2021 AT 18:30

खुदा को हर बार खुद को गुनहगार बताया मैंने..!!
तुम्हारी यादों में हर लम्हा खुद को जलाया मैंने..!!
एक दफ़ा तुम्हारी आँख से आँसू क्या निकाले..!!
आईना ना  फिर  कभी  खुद को  दिखाया मैंने..!!

तुम्हें  रुला कर  सुकून सा  मिला था उस दिन..!!
उस गम में ना फिर कभी खुद को हँसाया मैंने..!!
ज़माने के ज़ख़्मों को गहरा करता रहा हर दिन..!!
महफ़िलों में  ना  बदनाम  तुम्हें  करवाया मैंने..!!

जाना तुम्हारी ख़्वाहिश थी मेरे साथ मरने की..!!
देखो आज कब्र को अपना लिबास बनाया मैंने..!!
अपनी रूह को जुदा कर आज़ाद कर दिया..!!
आज फिर एक नया रिश्ता तुमसे बनाया मैंने..!!

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