मेरा दिल मेरी मां के लिए
कैसे तूने कोख़ में मुझको, नौ माह पेट में रखा था
सहा था हर दर्द तूने, कितना परहेज तूने चखा था
भूल बैठी थी ख़ुद को तू, जब संवारती मुझको थी
अपनी चमक को छोड़, नज़र उतारती मुझको थी
जब जब रोता ये दिल मेरा, तूने गले से लगाया हैं
डांट लगा कर मुझको, प्यार सिर्फ तूने जताया हैं
क्यों ना कहूं मां तुझसे, आशियाना का शोक नहीं
तेरे कदमों में है जन्नत मेरी, मेरा दिल है बस वहीं
सिखाया है तूने सबकुछ प्यार का पाठ तूने पढ़ाया
ख़ुदा तो दूसरा रूप है मां, पहला रूप में तुझे पाया
कैसे तूने कोख़ में मुझको, नौ माह पेट में रखा था
सहा था हर दर्द तूने, कितना परहेज तूने चखा था
-