ये केहता है संविधान मेरा...
हक की मिट्टी है, इस पर हक है तुम्हारा..
आझाद हो तुम, ये ना छिन सकेगा कोई दोबारा..
ये भारत है, तुम्हारा अपना इंडिया है,
एक घर में होकर, एकता को तोड़ेगा कोई,
तो उन के लिए हटकड़िया है।
तुम्हे ना हिन्दू बनना है ना मुसलमान बनना है,
भारत के नागरिक हो तुम बस एक आज़ाद भारतीय बनना है।
चाहे जो धर्म अपनाओ, मगर समता, स्वातंत्र्य बंधुता न्याय का गीत गाओ।
सबको शिक्षा, अधिकार मिले जीने की नई राह
और प्यार मिले..
जिससे, हर एक के मन में कर्तव्य की भावना पले।
हर एक को ये फ़र्ज़ निभाना है, किसी
एक समुदाय और धर्म का नहीं,
भारत का प्रतिनिधि चुन के लाना है।
मनुष्य, प्राणी, वन्य सबका हित हो ऎसी राह
बताता हूं. नीति के साथ नेता को मार्ग दिखाता हूं।
मेरी राह पर चलो ये मुझे चलाने वालो, मुझे पढ़ो
ये देश के खातिर मर मिटने वालो..
में दुनिया में तुम्हारा सम्मान बढाता हूं,
ये केहता है संविधान मेरा..
आओ मेरे साथ ये भारतीय..में आधुनिक भारत बनाता हूं।
ये केहता है संविधान मेरा....-
26 JAN 2020 AT 8:50