ज़िंदगी से,
शर्तें कुछ ऐसी, लगा के रखी हैं,
हमने चेहरे पे, मुस्कुराहटें सजा के रखी हैं...!
कुछ यूँ, सिलवटें, छुपा के रखी हैं,
सारी ख्वाहिशें, ईक तेह में, लगा के रखी हैं...!
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"इस क़दर डूबे थे हम
उनकी नशीली आँखों में
कम्बख़्त मुस्कुराहट को भी
इकरार समझते थे हम"
"आज भी जवां है ये मुस्कुराहटें
गलत इकरार के चक्कर में
हम दिल हार बैठे
इक इनकार के चक्कर में"....-
जी लूं जरा
गमों में दूसरों के अब रो लूं जरा
साथ अपने दर्द उनके बो लूं जरा
समझ तो समझदारों को मुबारक
मासूम मुस्कुराहटों में खो लूं जरा
बड़ी बेचैन दौड़ लगा रही जिंदगी
कुछ पलों की मोहलत हो लूं जरा
भटक रहे ख्वाब ये खोजते सुकून
तलाशती नींद आंखें, सो लूं जरा
मैंने मेरी खुशियां कही सौंप रखी
औरों की ही हंसी संजो लूं जरा
मन्नतें जो मुकम्मल ना हों चलो
जो है तसल्लीयों में पिरो लूं जरा
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हुनर मुस्कुराने का सीख लो जनाब
यह दुनिया रुलाने का हुनर बखू़बी जानती है
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वो अक्सर पूछती है।
मैं उसे क्यों चाहता हूं।
जवाब होकर भी उसके सामने।
मैं सिर्फ मुस्कुरा पाता हूं ।
तो चलो आज लिख कर ही ब्यान कर देता हूं।
अपने दिल के एहसासों को उसके नाम कर देता हूं।
तू है तो ज़िन्दगी में सांसे चलती है मेरी।
तू है तो ज़िन्दगी बिना रुकावट चलती है मेरी।
तू है तो ज़िन्दगी में किस्से हज़ार है मेरी।
तू है तो ज़िन्दगी का हर सफर आसान है मेरी।-
हसरतें, ख्वाहिशें, मुस्कुराहटें... सब छीन कर ले गयी,
मेरे खूबसूरत बचपन की कातिल है ये मेरी जवानी!!!-
कुछ मुस्कुराहटें खुद के लिए भी हुआ करती है
कभी कभी खुद को भी महसूस कर के देख लीजिए !!
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ख्वाबों में फिर से रंग भरने लगी हूं,
उम्मीद नहीं है किसी के लौटने की,
खुद के दिल को सिलने लगी हूं,,
मुरझाई फूल थी,खिलने लगी हूं...!!!
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ज़िन्दगी वजह तलाशती रही ज़िन्दगी में आने की
मैंने बस मुस्कुराकर उसकी मुश्किलें आसाँ कर दीं-