QUOTES ON #मुमताज़

#मुमताज़ quotes

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7 SEP 2020 AT 21:19

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29 MAY 2020 AT 20:42

खंडहर को महज़ खंडर ही रहने दो
उसे तुम तख़्त-ओ-ताज ना बनाओ,

मूरत-ए-हुस्न को बेवफ़ा ही कहने दो
उसे तुम बेगानी मुमताज़ ना बताओ।

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26 SEP 2020 AT 9:43

कौन कहता है फिर से ताज बनाने को दौलत नहीं,
दौलत तो बहुत है पर आज मुमताज मिलती नहीं।

फूल कली कांटो में सजा करती है,
रूप सरा आखों में नशा करती है।
भले ही कोई ताज न बना पाये,
पर यारों मुमताज तो हर दिल में बसा करती है।

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3 AUG 2019 AT 15:04

मैं हर रोज़ लिखती हूँ ,फिर से वही कहानी
वो कागज़ की कश्ती ,वो बारिश का पानी।
गर बन जाऊं मैं भी, मुमताज सी दिवानी
तो लिख दूँगी इश्क़ की एक खुबसूरत कहानी।।

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20 FEB 2020 AT 8:19

आना कभी हमारी यादों के शहर में
नूर से भरा हुस्न-ए-दिदार करायेंगे
आना कभी शाहजहाँ बन के हमारी गलियों में
मुमताज़ बन के आपसे ताजमहल बनवाएंगे

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3 AUG 2019 AT 21:07

Roj Terey Qath k intezar kar.....
Mohbath ka rukh Teri or mudney lagey.
Terey sath se Dil ye tayz bdney lagey..
Na heer na ranjhana..bs Terey hath se
..Ho preet rang....ye Dil ladney lagey..!!

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20 DEC 2020 AT 17:44

मैं तुम्हारा ताज़ हूं,
तुम मेरी मुमताज़ हो,

संगमरमर की मूरत सी,
तुम ज़िन्दा ताज़ हो,

मैं तुम्हारा ताज़ हूं,
तुम मेरी मुमताज़ हो.

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19 MAY 2020 AT 12:08

तू ना देख मेरे लिए ताजमहल का ख्वाब
मुझे तो इश्क में रिहाई चाहिए

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21 JAN 2018 AT 13:57

इश्क़ में तोहफा.......भला क्या लीजिएगा आप...
चलो लफ़्ज़ों से ही आपको , "मुमताज़" करते हैं...

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3 FEB 2020 AT 22:22

हुस्न ताज का हो या मुमताज का हो...
कुछ इमारतें क़यामत तक खंडहर नहीं होतीं!

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