QUOTES ON #मुफलिसी

#मुफलिसी quotes

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25 MAY 2021 AT 4:32

कुछ बेरोजगार हुए, कुछ मुफ़लिसी का शिकार हुए..
वक़्त के इस अफ़रा-तफ़री में जाने कितने लाचार हुए।।

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14 SEP 2020 AT 17:41

_मुकद्दर_

ठोकर मारने वाला..
वो पत्थर भी रोया है...
दीदार-ए-मुफलीसी पर...
मुकद्दर भी रोया है.....

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1 MAY 2020 AT 14:46

जब हालात हो भूखे मरने के
कोई चारा ना हो सिवाय कमाने के
शौक दम तोड़ देते है बचपन में ही
जब घर में नही हो दाने खाने के...।

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1 MAY 2020 AT 15:20

वो मुफलिसी में जी रहा है
फिर भी अपना ईमान नहीं खोया
वो मेहनतकश मजदूर है
उसने अपना स्वाभिमान नहीं खोया।

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कपड़े फटेहाल, आंखों में चमक, चेहरे पे मुस्कान
सिग्नल पर कुछ बच्चों ने जिंदगी दिखा दी मुझे

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5 MAY 2020 AT 12:23

मैं ढूँढता रहा मुफ़लिसों के घर पक्की बस्तियों में...
सड़को पर आया तो जमीं बिछोना थी
आसमां की चादर तले...।

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10 MAY 2020 AT 11:35

वो कौन था?
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घर से था वो बहुत दूर
सब कुछ हो चुका था बंद
उसमें उसका क्या कसूर था
दिन में कमाने से शाम का खाना बनता था
अब वो कहाँ से चुगकर लाता दाना
हालात हो गए भूखे मरने के
घर जाने के सिवा कोई चारा ना था
हुकूमत ने नहीं ली उनकी कोई सुध
तो निकल पड़ा वो पैदल उसे घर जाना था
दूरी ज्यादा थी घर की जाना आसां न था
फिर भी वो चलता रहा उसे घर को जाना था
कब तक चलता वो थक कर चूर हो गया
आराम के लिए वो पटरी पर ही सो गया
बस ट्रेनें नहीं थी उसके जाने के लिए
सब कुछ बन्द था आने जाने के लिए
बेफिक्र था ट्रेन से इसलिए पटरी पर लेट गया
थकान इतनी थी नशे की नींद सो गया
जो ट्रेन चलनी थी उसको ले जाने के लिए
वो उनके ऊपर चली ऊपर ले जाने के लिए
हुकूमत कर देती उनकी व्यवस्था
तो नहीं होती उनकी हालत ख़स्ता
आप जान गए होंगे वो कौन है
वो हुकूमत का सताया हुआ
रोटी से दूर मजबूर मजदूर था..।

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5 MAY 2020 AT 13:15

ऐ मुसाफिर यूँ थूकता ना चल इन राहों पर...
यहाँ रात को मुफलिसी आराम फरमाती है...।

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16 MAY 2020 AT 10:53

वो खा गया सुखी रोटी कड़वे प्याज के साथ
भूख ने जो सताया था मुफ़लिसी के साथ

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12 MAY 2020 AT 9:02

भूख से तो मरना ही है फिर अपने घर मरते है
पैदल नंगे पैर ही सही चलो घर चलते है..

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