QUOTES ON #मुख्तसर

#मुख्तसर quotes

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16 APR 2019 AT 21:03

यूँ कब तलक लफ़्जों को नज्मों में जाया करोगे,
कुछ तकल्लुफ़ मुख़्तसर निगाहों को भी दे दो..!

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26 MAY 2019 AT 9:38

लाज़मी है कोई ख़्वाब आँखों के लिए
सुकून इन पलकों को भी आए कभी,

जो छुप के बैठी है हया लबों के पीछे
इश्क़ के मोती इनपे भी सजाए कभी,

देखा है घटाओं हमने बरसते अक्सर
टूटकर अश्कों को भी बिखराए कभी,

हर रोज़ सुनते हैं तबाहियों के किस्से
चर्चे आबादियों के कोई सुनाए कभी,

ढूंढ ऐ 'दीप' सरेराह खुशियों के निशां
मुख्तसर कोई राह मिल जाए कभी !

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24 JAN 2018 AT 15:50

मुद्दतों बाद उनसे मुलाकात होती हैं ,
ग़म ये है के वो भी मुख्तसर होती हैं ।।

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12 JUN 2020 AT 23:11

मुक्तसर सी रात थी मुद्दत सी बन गई।
ख्वाबों ने रात काट दी महताब देखकर।।

तिश्नगी समंदर से कहा बुझती है हुज़ूर।
तसल्ली आंसूओ से की है आब देखकर।।

मिजाज़ ए बेरुखी से वाकिफ रहा हूं मै।
वजूद मिटा दिया गैरत ए आप देखकर।।

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29 NOV 2020 AT 15:36

इतनी मुख़्तसर सी ज़िन्दगी और ख़्वाब आसमानी,
आँखों से छलकते गौहर,रूहानी दिल का नहीं कोई सानी।

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15 JUN 2020 AT 12:53

ज़िन्दगी की शाम कितनी मुख्तसर हो चली..!
मैं हुआ ऐसे मायूस के वो मुझे संग ले चली..!!

ना जाने ज़िन्दगी में ये कैसी मुश्किलें आगई..!
सारी घर की रोनके भी मेरे साथ हो चली..!!

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9 JAN 2020 AT 21:42

कोई रंग तो होगा

साया ही तो है , शब_ए_माहताब में कहीं गुम होगा,
सांसों में इत्र सा महके,खुश्बू सा कोई संग तो होगा ।

जिस्म के तराजू में, तोलते क्यों सच्चाई तवायफ की,
बिकती वर्दी बाज़ारो में, बेशर्मी का भी ढंग तो होगा।

कोरे पन्नों पर लिख दर्द को, सीने से हमने लगाए रखा
बोझ दर्द_ए_दिल का संभाल ले,ऐसा भी अंग तो होगा।

पढ़ते पढ़ते थक गए जिंदगी, बिखरी तेरी किताब को
जिल्द पन्नो की संभाल कर, मुकद्दर भी तंग तो होगा।

जख्म पाकर भी छोड़ा ना , इल्म सदा मुस्कुराने का
देखकर बेफिक्री इस कदर , वो रब भी दंग तो होगा।

पसीने की स्याही भर, लिखा है मुख्तसर जिंदगी को,
लकीरें हाथो की बदल दे, मन्नतों का भी रंग तो होगा।

मुख्तसर = छोटी
शब_ए_माहताब = चांदनी रात
इल्म = हुनर
जिल्द = Binding

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28 NOV 2020 AT 10:41

मुख़्तसर सी जिंदगी मे ला-महदूद गम क्यूँ
दुनिया गर खफ़ीफ़ हैं तो इतनी दुरियां क्यूँ

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10 SEP 2020 AT 22:20

,मेरी
लेकिन किस्से मशहूर आज भी है,
पर.. तुम्हारी आंखों को कुछ हो गया क्या
गर.. गौर करो, तो शायद फिर देख पाओ,
कभी जिसे देखकर ही तुम्हें मुझसे इश्क हुआ था,
मेरी आँखो में वो नूर बरकरार आज भी है।।

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17 JUL 2020 AT 10:08

मुख्त़सर सी ये जिंन्दगी
और हम़ जुदा जुदा
चल फिर सें....
मुक्कमल हो आज
चाय पर मिलते है !!

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