ख़र्च किये तुझपर, सारे अल्फ़ाज़ मेरे
एक तू ही जाने है, सारे राज़ मेरे
बदल से जाते है, तेरे सामने आते ही
एहसास मेरे,जज़्बात मेरे, अंदाज़ मेरे
ये रात, ये चाँद, ये तारे, ये तन्हाई
तेरे बाद यही तो है हमराज़ मेरे
आँखों का तेरी जो है, समंदर ये गहरा सा
ले डूबा अपने अंदर, कई जहाज़ मेरे
दोस्त कहते है मेरे, छोड़ दे इश्क़ करना
मैंने दोस्त बदल दिए,ना बदले मिजाज़ मेरे
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