QUOTES ON #माहताब

#माहताब quotes

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18 DEC 2021 AT 23:21

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26 DEC 2018 AT 22:19

'माहताब' "आप जैसा कोई नही"
मैं जो खुश हूँ वजह आप हो मैं जो गुनगुना रहा हूँ वजह आप हो
दोस्ती का सच्चा अच्छा और पाक एहसास हो आप
मुझसे दूर बहुत दूर होकर भी मेरी रूह के पास हो आप
प्यार करने वाले तो बहुत मिले लेकिन सच्चा दोस्त कोई आप जैसा नही
खुबसूरत तो बहुत आए और गए मेरी ज़िंदगी में लेकिन ख़ूबसीरत कोई आप जैसा नही
मेरे जैसे बहुत होंगे पास आपके मेरे पास दूसरा कोई आप जैसा नही
मिल भी जाएँगे शायद भीड़ में दोस्त कर दिलबर कई लेकिन यकीन है मिल न पायेगा आप जैसा कोई
दिलवाले तो बहुत मिल जाएँगे मुझे लेकिन सच्चे दिल वाला दोस्त मिल न पाएगा शायद आप जैसा कोई
चाहता तो हूँ कि बहुत सारे हो दोस्त मेरे लेकिन है पता मुझे दोस्तों की मजलिस तो लग जाएंगी आँगन में मेरे बस नाम के कोई आप जैसा नही
दिल के अरमान है कि दोस्त हो वो जो मेरी खुशी लेकर गम अपने मेरे नाम करदे और आपकी भी ख्वाहिश कुछ ऐसी ही है इसलिए तो कहता हूँ मिल जाएँगे दोस्त कई लेकिन कोई कहाँ होगा आप जैसा कहीँ

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6 JAN 2019 AT 12:23

"मैं हुँ ना"
वो जो अपने जन्मदिन के मौके पर सारे जहाँ से जहाँ भर की खुशियाँ माँग सकती थी लेकिन उसने सिर्फ और सिर्फ सबके लिए उनसे उनकी ही खुशियाँ माँगी उस फरिश्ते को उसके हिस्से की देने के लिए खुशियाँ "मैं हुँ न"
वो जो हर पल हर लम्हा शामों शहर पोछता रहता है सबके आँसू और कर देता है नज़रंदाज़ अपनी आँखों की नमियाँ देने के लिए उसे उसके हिस्से की मुस्कान "मैं हूँ न"
वो जो है दुनिया का सबसे बड़ा निःस्वार्थ इंसान जिसने कभी सपनें में भी अपने लिए कुछ न माँगा सिर्फ और सिर्फ औरों पर लुटाया है बनने को पहरेदार उसके ख्वाबों का "मैं हूँ न"
वो जो मासूमियत की हद तक मासूम है जो कर के बंद आँखे हर किसी पर कर लेता है यकीन, रखने को उसके यकीन को बरक़रार "मैं हूँ न"
वो जो बार बार धोखा खाने के बाद भी कल की फिक्र न करते हुए भी हर किसी को दोस्त बना लेता है और लोग अपने फायदे के लिए तोड़ जाते है अपने वायदे, करने को उन वादों को हक़ीक़त "मैं हूँ न"
वो जो प्यार की हद तक भी किसी से प्यार कर सकता है अगर कोई उसके दिल को छू जाए और ऐसे रब के बन्दे से भी अगर कोई करे बेवफाई सिखाने उस बेवफा को वफ़ा कब सबक "मैं हूँ न"
वो जिसने मुझ मुरझाए हुए इंसान को भी मुस्कुराना सिखाया हर परिस्थिति में ढ़लकर दिखाया उस माहताब की चेहरे के नूर को बनाए रखने के लिए "मैं हूँ न"
मैं तो गदगद हूँ। लेकिन आप खुश हो न ....?
दूसरा भाग जल्द आ रहा है......

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11 MAY 2019 AT 14:25

उसने पूछा "कैसे हो अभि" ?
मैंने मुस्कुरा कर जवाब दिया जैसा था वैसा ही "तन्हा, क्योंकि सहानभूति तो हर कोई देता है लेकिन साथ और प्यार नहीं।
Sudden Reaction

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17 NOV 2018 AT 18:20

तु 'माहताब' रात का मैं मैं 'आफ़ताब' दिन का हम दोनों की जोड़ी क्या खूब जमेगी
जब बन जाएगी तु मेरी तो ये दुनिया धू धू करके जलेगी
मेरे तिज़ोरी की चाभी जब तेरे कमर पे बन्ध छनकेगी इस मधुर और मादक आवाज़ को सुनकर मेरी साँसें तो बड़ी तेज़ तेज़ चलेगी
जब तु चलेगी मेरे हाथों में हाथ डाल कर मेरी धड़कन थम सी जाएगी
देखेगा जब भी कोई हमारे नव विवाहित जोड़े को तो सब की निगाहें हम पर जम सी जाएगी

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7 FEB 2020 AT 10:47

गुलाब क्या भेजूँ तुम्हें तुम खुद गुलाब हाे,

मेरे नील गगन की काली रात का चमकता माहताब हाे|

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4 JUN 2017 AT 17:14

फ़लक में घुल रहा है इश्क़ कुछ इस कदर,
की ये शामें सुर्ख लाल नज़र आई है ।

मशगूल था यार मेरा अब तक ज़िया की बाँहों में
माहताब की तिशनगी उसे सियह के बाद नज़र आई है।।


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24 OCT 2021 AT 0:37

कभी किसी की आंख का ख्वाब मैं भी था,
तमाम अंधेरी रातों का माहताब मैं भी था,
बिखेर गया कोई मेरी ज़िन्दगी के पन्नें सारे,
वरना मुहब्बत की मुकम्मल किताब मैं भी था!

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8 DEC 2018 AT 19:03

शौलफ्रेंड: "जन्म जन्म का साथी(दोस्त)
शॉल्मेट का तो पता नही लेकिन कोई है जो मेरा शौलफ्रेंड है
क्योंकि उसकी खुशी से मैं मुस्कुरा देता हूँ
उसको उदास जान कर मैं न चाहते हुए भी चंद आँसू बहा लेता हूँ
उसके दर्द से मैं खुद को जुड़ा हुआ पाता हूँ
उसकी मुस्कुराहट की तलाश में मैं खुद को भी भूल जाता हूँ
मैंने सोचा कहीं बुरा न लग जाए मेरा उसके बारे में कुछ लिखना
इसलिए कुछ दिनों तक उससे यूँ दूर हो गया था
न चाहते हुए भी उससे दूरी बनाने को मजबूर हो गया था
लेकिन अब खुद से ये वादा किया है
इस झूठी और बेईमान दुनिया में उसे छोड़ के कभी नहीं जाऊँगा अकेला मज़बूत ये इरादा किया है
हाँ हाँ दोस्त ये रचना आपके लिए ही हैं
और कौन है मेरा जिसके मैं और जो मेरे क़रीब है

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20 JAN 2019 AT 6:29

खुद को भरी महफिल में उसने, जो बेनकाब किया,
जैसे चंद सितारों के बीच रौशन, इक माहताब किया,
देखते ही रह गए सब, निगाहें किसी की हटी ही‌ नहीं,
हंसी चेहरे ने उनकी, सूखे फूलों को फिर गुलाब किया!

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