QUOTES ON #मानसून

#मानसून quotes

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20 JUN 2020 AT 9:45

||मानसून की पहली बारिश||

आज मानसून की पहली बारिश ने
सबके तन को छुआ है,
सबके मन में आई खुशी है ,

सबका मुख प्रसन्नचित्त हुआ है,
पड़ रही थी जो भीषण गर्मी
पिछले कुछ दिनों से,
उससे आज कुछ आराम मिला है

आज इस मौसम की पहली बारिश ने ,
सबके दिलों पर राज किया है
कि थीं जो प्रार्थना ईश्वर से सबने,
वो प्रार्थना आज स्वीकार हुईं

और इस बारिश के होने से ,
सबके चहेरों पर खुशी अपार हुईं
आज मानसून की पहली बारिश की फुहार हुई||

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3 JUL 2020 AT 10:54

इस यादों के मानसून में
जितना काटूँ तेरे ख़्यालों को
फिर उग आते हैं
कंटीली झाड़ियों की तरह ।

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10 JUN 2021 AT 9:19

मानसून की पहली बरखा ने हर जगह दस्तक दे दी है
गीली सड़कें चाँदी सी चमक रही हैं
धुलकर निखर गयी हैं गर्द अटी पत्तियाँ
स्वछंद हवाएं पेड़ की फुनगियों पर
अठखेलियाँ कर रही हैं
पानी भरे छोटे गड्ढे में नहा रही है नन्ही गौरैया
फल सब्जी के खोमचे वाले ठेले के नीचे छुपे हैं
कुछ टपरी के नीचे शरण लिए
रसोईघरों में प्याज के लछ्छे कट रहे हैं
पकोड़े तलने के लिए
चिरनिद्रा में सुप्त नवांकुर अंगड़ाई ले रहे हैं
प्रस्फुटित होने को
जेठ विदा ले रहा है
आषाढ़ का आगमन है बस होने को
धरती की प्यास शनै: शनै: बुझ रही है
और कहीं कोई नवयौवना कविता लिख रही है

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26 JUL 2020 AT 9:43

कुत्ता मनुष्य का सबसे अच्छा साथी होता है।
उदाहरण:-
आज में जगंल गया।
मानसून की वजह से बहुत हरियाली उग गई थी।
जगंल में रास्ते का पता नही चल रहा था।
कुछ गलत कदम और खाई।
फिर एक बजुर्ग ने कहाँ ये कुत्ता जा रहा है।
इसके पिछे पिछे चले जाओ सही रास्ते पर पहुच जाओगे।

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12 JUL 2020 AT 6:17

उस पल में भी एक आनन्द है।
जब आप रात को आगन में सो रहे हो।
बारिश की बुन्दे आप के चहरे पर गिरे ओर आपको जगा दे।

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29 MAY 2019 AT 17:17

इस "भरी गर्मी" में कुछ तो "सूकूंन"आ जाए ...
या तो तु आ जाए या फिर " मानसून"आ जाए.. (कोई तो आए)? 🤔

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16 AUG 2017 AT 11:29

वीडियो कॉल होते हैं सुबह शाम पर
एहसासों में लिपटे डाक वाले ख़त
अब नही आते ।।

मानसून तो आता है हर साल बदस्तूर पर
सावन वाले बौछार अब नही आते ।।

दंगे फ़साद में यूँ उलझकर रह गयी जिंदगी
बचपन के वो सहोदर वाले नोकझोंक और
तक़रार अब नही सुहाते ।।

धोख़े मिलते हैं अब भी पर, ओदी रातों में
भीगे सपने लिहाफ़ों में अब नही आते ।।

पच्छिम वाली हवा जबसे चली है झूमकर
संस्कार की दूधिया चादर ओढ़े रिश्ते
मर्यादा में अब नही सकुचाते ।।

दम तोड़ते हैं नौनिहाल साँस की ख़रीद फ़रोख्त में
जिंदगी में लिपटी मुफ़्त वाले बयार अब नही आते ।।

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3 JUN 2018 AT 15:52

मानसून की पहली बारिश आज हो गई ,
मुद्दतो बाद किसानों के ख़ुशी की आगाज़ हो गई ,
अब तो नई फसल के बुआई की शुरुआत हो गई ,
शुक्रिया मेघ ! तेरे रहम से काली रातों की भी रात हो गई ।

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16 JUN 2017 AT 18:39

आ रहा मौसम बारिश का हवा चल रही हैं,
लग रहा हैं जैसे कि तुम आ रहें हो।
गाड़ियों से निकला धुआँ दिलो का आकार ले रहा हैं,
बादल ये रुक-रुककर मानो डकार ले रहा हैं,
स्याही में गहरापन आ रहा कलम की,
लग रहा हैं जैसे कि तुम आ रहें हो।
तुम काला-सफेद बादलो का चित्र लेकर आये हो,
ये सौंधी-सौंधी खुशबू वाला इत्र लेकर आये हो,
कौस-ए-कुजह की तबस्सुम पर इतरा रहें हो,
लग रहा हैं जैसे कि तुम आ रहें हो।
मेरा तस्सवुर हवा से तेज बहता था कभी,
वो गर्द-गुबार इमारतों पर रहता था कभी,
पर तुम जैसे इमारतों का मूँह धूला रहें हो,
लग रहा हैं जैसे कि तुम आ रहें हो।

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20 JUN 2020 AT 22:24

बादल सी तुम
सोचा था ताउम्र साथ चलोगी धूप मे छाया बनकर,
मगर तुम तो बस एक वक्त तक बरस कर चली गयीं

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