फटे कपड़े अपने हर बार रफ़ू कराते है,
में चाँद तारे भी माँगु माँ-बाबा ले आते है।।
खुदके सुख-दुख का पिटारा वो मुझसे छुपाते है,
चोरी से मेरी झोली में हज़ार खुशियां भर जाते है।।
खुदके लिए कुछ नही,दुआएँ भी मेरे नाम कर आते है,
मेरे लिए किस्मत क्या रब से भी लड़ जाते है।।
यह सब करना एहसान नही वो अपना फर्ज़ बताते है,
इसलिए अपने वालिद-वालिदा में मुझे भगवान नज़र आते है।।
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