QUOTES ON #महफ़िलेग़ज़ल

#महफ़िलेग़ज़ल quotes

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4 FEB 2019 AT 6:07

//ग़ज़ल//

राँझणा नहीं लिखता, हीर के नसीबों में
रब तिरी अदालत में क्या सदाएँ आती है

(Read in Caption)

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1 AUG 2018 AT 18:48

इश्केदारी के जानिब, हुनर ना कोई काम आया
ना चैन ही उनको मिला, ना हम को कहीं आराम आया

हर रोज़ सफ़्हा-ए-दिल को करते रहे हम गर्द-ओ-ख़ाक
ना हमने कुछ लिक्खा , ना उनका कोई पयाम आया

सुना था सुबह का भुला शाम को लौटकर आता है
एक शख़्स ऐसा भूला, ना सुबह आया ना शाम आया

मोहब्बत तो उसने भी की थी टूट कर हम से
ना जाने क्यूँ सर मेरे ही, गर्दिश का इनाम आया

कल रात उनके कूचे में, हो आया फ़िर ख़्वाब "मैं"
मुझ जैसा गया था कोई, निकल के कोई गुमनाम आया

मैय्यत-ए-उल्फ़त में बैठा सोचता अब "दीवाना"
ना याद ही गई दिल से, ना लबों पे उनका नाम आया

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20 FEB 2019 AT 5:59

इश्क़-दारी से मुकर गया हूँ मैं
जान बाकी है के मर गया हूँ मैं

राह कोई मुझ तलक नहीं आती
राह दिल की जब उतर गया हूँ मैं

ज़ाहिरा ग़म में यहाँ नहीं कोई
ग़म-ए-जानाँ में जिधर गया हूँ मैं

दर्द बढ़ता है शराब - ख़ाने में
जाम खाली है के भर गया हूँ मैं

कशमकश में है तिरा ये 'दीवाना'
तुझ में सिमटा या बिखर गया हूँ मैं

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10 JAN 2020 AT 1:27

वो कहते रहे हमें तुम्हारे इश्क़ ने हमें दिवाना बना दिया,
तुम्हारी धड़कन को अपने दिल में समां लिया,
तेरे मेरे इश्क़ के चर्चे सारा ज़माना गायेगा,
और भरी महफ़िल में हमको बेगाना बना दिया।

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9 JUL 2018 AT 14:05

तुझको खुशी देने की
चाहत मैं जिंदा है अब
तक, वरना महफ़िले
दुनिया से तो टिकट
कटाये बैठे रुखसते
जमाने का

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ज़िंदगी को पास जा कर देखिये
जलाकर देखिये, उठा कर देखिये, लगा कर देखिये

सोये है छिप कर वो अरमां सारे
मनाकर देखिए, बुला कर देखिए, जगा कर देखिए

सपने मरे नहीं अरे जिंदा है अभी
संजोकर देखिए, सजाकर देखिए, भुनाकर देखिए

साजों की आवाज़ बाकी है अभी
गाकर देखिए, सुनाकर देखिए, बजाकर देखिए

मंज़िले खुद खड़ी हाथ चूमने को
उठाकर देखिए, बढ़ा कर देखिए, थमाकर देखिए

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हम नये तो हैं इस महफ़िल-ए-ग़जल में
लेकिन दर्द उतने ही पुराने हैं

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4 JUL 2018 AT 18:42

अब मेरा आखिरी हासिल भी यही l
मकसद भी यही , मंज़िल भी यही

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11 JUL 2018 AT 16:13

पहले उसने नज़रों की तीरों से मारा
फिर अपनी शोख़ अदाओं से मारा
घायल था में ,दिल तेज़ धड़क रहा था
फिर उसने मुझे तंज़ीआ बातों से मारा

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5 JUL 2018 AT 11:51

कितना अच्छा सपना था
कल रात हमने देखा था

सारे जहाँ में लोग भी खुश थे
सभी लडकीयोकों मुस्कुराते देखा था

कही कुछ बुरा नहीं हो रहा था
औरतों को दिनरात सुरक्षित रहते देखा था

किसी पे भी अत्याचार नही हो रहा था
हर जिंदगी को खुलकर जीते देखा था

छोटी सी गुडिया चैन से सो रही थी
उसे देखकर मां को मुस्कुराते देखा था

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