QUOTES ON #मसाल

#मसाल quotes

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25 JUL 2020 AT 9:53

-शेखर

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2 JAN 2020 AT 16:27

Roab हो तुम आफताब हो तुम
दहकती आग 🔥 सी मसाल हो तुम
बेशक राहों में तुम्हारे
कई रंजिश तो कहीं कई जलजले मिलेंगे
देखो उसे देखो उसे
दहाड़ता हुआ शेर आकाश हो तुम
चरित्र पहचान तो कहीं आवाज
सबकी मिठास उनकी आस प्यास हो तुम
उचाईयों की चोटी में तुम्हारा कदम झुमे
तुम वही karma
प्रधान हो तुम
तुम आवाज हो गूंज हो
आकाश हो तुम
आकाश हो तुम

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2 DEC 2019 AT 14:25

फिर जलाए जाएंगे मसाले व मोमबत्तीयां l
फिर दिए जाएंगे उच्च विचार लाइक प्रतिक्रिया l

वहशी दरिंदों का दास्तान आज कल चार दिनो तक l
फिर मारी जाएगी बेटियाँ फिर बाते होगी बातो तक l

दुराचार के अंधकार दूर हो कहती है मोमबत्तीयां
कालो से लड़ते लड़ते दम क्यो तोड़ती बेटियाँ l

शब्दो बातो का सिलसिला तो दूर है l
क्या हम इतने मजबूर है l

आत्म आत्म में अब मसालों का आग हो l
हो नहीं ऐसा कृत्य अब ऐसा वीघात हो ll

उद्गार नहीं करो संकल्प हर हाथ उठेंगे l
अब हर अनाचार गले के लिए पुरुषत्व की तलवार उठेंगे ll
- Gautam Kumar Singh

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27 DEC 2020 AT 15:24

मुश्किलें अगर मसाल हैं,
तो हम भी बेमिसाल हैं।

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26 JUL 2017 AT 17:22

मेरे कब्र पे ना जाने
ये कौन सी बहार आ गई
तुम जो आए चौखट पे मेरे
जैसे जिंदगी की मशाल आ गई

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17 JUN 2019 AT 22:55

किसी एक रिस्ते के मर जाने से मर थोडी जाऊगा
तुने बुझती ल्व समझ छोडा है ना मसाल हू मिसाल बन कर जाऊगा

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29 OCT 2022 AT 14:10

मैंने अपनी झोपड़ी को ही अपना मसाल बना लिया
अंधेरा मुझे डरा रहा था मैंने अपनी झोपड़ी को जलाकर अंधेरे को ही डरा दिया

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5 SEP 2019 AT 22:06

कुछ उनके ख्याल,

कुछ बेबुनियाद सवाल,

कुछ बेफिजूल के बवाल,

कुछ अधूरी ख्वाहिशों का मलाल,

कुछ यादें जो करती नींद हलाल,

बेचैनी के हवन को जो दे चिंगारी..
कुछ ऐसी हैं ये सब मसाल।

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30 MAR 2018 AT 20:00

बुझ-सी गई है लौ मसाल-ए-क्रांति की,
न जाने कब जली थी,सदियों पहले या
दशकों पहले,वक़्त को कुछ भी याद नहीं...

कभी-कभार राख से धुँआ उठती तो है,
कुछ चिंगारियाँ भी सुलगती तो है मगर,
बनने से पहले हीं शोला खाक हो जाती है...

बड़ें शातिर हुक़्मरान है इस मुल्क़ के यारों,
या फिर कायर आवाम है इस मुल्क़ में यारों,
जो हर सितम सहकर भी चुप हो जाती है...

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30 JUL 2019 AT 19:12

बनारस में बहती गंगा किनारे
की घाट जैसे हो !!
हर रोज आरती की थालो में
जलती मसाल जैसे हो !!
मंदिरों में बजती घण्टियों की
आवाज जैसे हो !!
तुम लगते किसी शायर का
ख्वाब जैसे हो !!
तुम मेरे खुशनुमा पलो का
एहसास जैसे हो !!
तुम ही मेरी जिंदगी का
अधूरा अल्फ़ाज़ जैसे हो !!
अब जो भी हो बस तुम ही आखिरी इंतज़ार जैसे हो !!!

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