QUOTES ON #मशवरा

#मशवरा quotes

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यूं मायूसी के सांचे में ना खुद को ढालिए
दोस्तों के साथ बैठ कर गमों को निकालिए

खिले थे फूल कितने बाहर-ए-चमन में मगर
जुनून-ए-इश्क़ में तो आपने कांटे उठा लिए

अब जो यारों की महफ़िल है तो ज़ाम भी होंगे
अभी अपने कदमों को ज़रा बहकने से संभालिए

कितने बेमुरव्वत होंगें वो लोग जो उसका नाम लेंगे
अपनी बर्बादी के लिए अपना ही नाम उछालिए

गर जो बाकी हो अभी भी उम्मीद-ए-वफ़ा कहीं
मेरी मानिए तो जनाब आप इक कुत्ता पालिए

नहीं मिलेगा सुकून इस मतलबी दुनिया से आपको
अपनी खुशियों को "निहार" अपने अंदर ही खंगालिए

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तुम्हारी आदत है शायद शिकायत करना
जानते नहीं हो या फिर मोहब्बत करना

ये माना कि मुश्किल हैं बाजियां सारी
मोहब्बत ना हो सके तो रफ़ाक़त करना

यूं ही नहीं लोग मोहब्बत में मिट जाते हैं
मौत से खेलने को अपनी आदत करना

बह न जाना दरिया ए हुस्न में बेफिकर
तुम अपने जज्बातों की हिफाज़त करना

वक्त को वक्त से चुराकर करना इज़हार
वरना पीछे रह जायेगा सिर्फ नदामत करना

मुकम्मल हो ना हो मोहब्बत तुम्हारी
मगर खातून की फिर भी इज्जत करना

पाकीज़ा है दस्तूर ए मोहब्बत "निहार"
गर हो सके तो दोस्त, इसकी इबादत करना

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11 FEB 2021 AT 11:03

“खुद तमाम मुश्किलों से घिरे है”
मगर मशवरा सबको ही दिए है!

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12 SEP 2018 AT 23:59

देख कर अंजाम मजनूँ, राँझा औ' फरहाद का
मशवरा है इश्क़ से बस दूर रहना चाहिए।।

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28 JAN AT 11:59

मेरे अरमानों को भी अब्र में जगह देना
पानी गिरने लगे तो मुझे भी छलका देना

जिंदगी ने इस क़दर कर दी है हालत कि
मेरे ये भी बस में नहीं मोहब्बत भूला देना

उस शामे-हिज्र को दिले-दीवार पर नक्श करते
अगर खंजर भी चुभाना पड़े तो चुभा देना

कोई माँगे अगर तुमसे मोहब्बत पे मशवरा
ज़हर पिला देना और बिस्तर में सुला देना

मेरे अब्बा के मशवरों में ये भी सुमार रहा
किसी का ज़ख्म दिख जाए तो दवा लगा देना

राततक तब्दील हो जाती है ज़हर में सब्रे-शाम
इसलिए ज़रूरी है दर्द को आशुओं में बहा देना

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12 MAY 2018 AT 14:15

ज़िन्दगी से जब भी लिया मशवरा कोई,
उसने मुझे एक नया तजुर्बा इनाम में दे दिया!

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13 JUL 2020 AT 18:24

ख़ुद से ही मशवरा कर अपने दर्द का,
ओरों को भी अपनी 'दुनियादारी' हैं।

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2 AUG 2020 AT 20:48

हर किसी से मशवरा लेना भी अच्छा नहीं
लोग यहां गुमराह कर देते हैं।

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1 AUG 2020 AT 14:31

है नसीहत यूँ तो सबसे, खूब जीने की मिली
ख़ुद के लिए ज़िन्दा ...मशवरा सर आँखों पर मेरी ..!!

अकेले ही नज़र में ज़रूर, दुनिया मौजूद रही
ख़ुद के लिए ज़िन्दा ...सफ़र भटकते कटी मेरी....!!

मेरा मिज़ाज पहचान है, हरगिज़ गुरुर नहीं
ख़ुद के लिए ज़िन्दा ...एक मैं और परछाई मेरी ..!!

उम्र बहुत छोटी सी, ज़िंदगी का मक़सद सही
ख़ुद के लिए ज़िन्दा ...कोई बोझ नहीं रूह पर मेरी...!!

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26 JAN 2019 AT 13:56

नादाँ हैं मशवरे से मोहब्बत नहीँ निभती ये नहीँ जानते लोग

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