YQ Sahitya 1 FEB 2021 AT 17:18 मरै बैल गरियार, मरै वह अड़ियल टट्टूमरै करकसा नारि, मरै वह खसम निखट्टूबाम्हन सो मरि जाय, हाथ लै मदिरा प्यावैपूत वही मर जाय, जो कुल में दाग़ लगावैअरु बेनियाव राजा मरै, तबै नींद भर सोइएबैताल कहै विक्रम सुनौ, एते मरे न रोइए - YQ Sahitya 15 MAR 2021 AT 17:51 - YQ Sahitya 23 DEC 2021 AT 21:16 - Anil Kumar Singh 15 NOV 2019 AT 9:31 जब तक है हांथो में जाम,हर खुशी,हर ग़म पी जाऊंगा तुझे , उसे सबको भूला , खुद को भूल जाऊंगा - Shrey Saxena 24 FEB 2018 AT 1:46 आज मैं सब सच कह रहा था ।भावना पूरी ज़ाहिर कर रहा था ।मदिरोत्सव मना रहा था । - YQ Sahitya 7 JAN 2022 AT 16:24 - Anuup Kamal Agrawal 14 JUN 2017 AT 3:21 ले नहीं जाता हूँ साथ तुमको, क्योंकिमंदिर में मदिरा वर्जित है - Shitane 16 JUN 2020 AT 21:19 धो गंगाजल में उस प्याले को उसने यू साफ किया,भर मदिरा उस प्याले में, खुद को फिर उसने पाक किया। - Anu Raj 4 MAY 2020 AT 21:07 भूल गए मदिरा के आगेमौत के पीछे क्यों भागेंमतलब लक्ष्मण रेखा काअबतक न समझे अभागेहाथ पसारकर ईश्वर सेदुआओं में जीवन माँगेमदिरालय के खुलते हीटूट गए कर्तव्य के धागे - Ankita 27 NOV 2017 AT 11:37 ना देखी मदिरा कभी ना होंठ लगाया प्यालाफिर भी सबके जिह्वा पर जा पहुँची इतनी मधुर है "मधुशाला" -