QUOTES ON #मजबूरी

#मजबूरी quotes

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12 MAY 2019 AT 1:15

लौट आओ तुम अपनी दुनिया में
जिसे हम दोनों ने मिल कर बनाई है
जानती हूं जिस दुनिया मे हो
वहाँ खुश नही।।।।
मजबूरी का नाम देकर
खुद को मत जलाओ उस आग में
जहाँ ना जाने कितनी साजिशें रची जाती है
हमारे खिलाफ हर दिन।।।।
जानती हूं बेखबर हो तुम हर उस बात से
जो तुम कभी सपने में भी नही सोच सकते
मगर जिस दिन सच का पर्दा उठेगा मानो
तुम्हारे पैरो तले ज़मीन खिसक जायेगी....
अभी भी वक़्त है सम्भल जाओ....


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3 SEP 2020 AT 9:13

देख कर तेरी मजबूरी का हाल हम तुझसे जुदा हो गए
आंखों में नमी होंठों पर शिकवे हजार हो गए
बड़ी हसरतों से उसे अपने दिल से लगाया था
ये सोच लेना कि हम तुझसे खफा हो गए।।

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4 JUL 2020 AT 7:26

"जरूरी है क्या"

पास जो आ रही हो मेरे, कोई मजबूरी है क्या।
हमारा तुम्हारा मिलना, अभी जरूरी है क्या।

ठुकरा कर गयी थी यूँ कि, बेवफाई की हो मैंनें
अब रक़ीब ने कर ली, तुमसे बहुत दूरी है क्या।

कल कह रहा था कोई, देखा तेरे महबूब को गैर के साथ
इतना जो महक रही हो, बाहों में उसकी कस्तूरी है क्या।

कहा था तुमनें सरेआम कि, तुम मेरे काबिल नहीं हो
फिर से इश्क कर रही हो, दिल की भी मंजूरी है क्या।

पास बैठ मेरे गुफ़्तगू करो तुम, पहले तो नहीं हुआ यूँ कभी
कुछ प्यार की धुन सुन रहा हूँ, होंठों पे तेरी बांसुरी है क्या।

सीखा दिया था मैंनें इस दिल को, सलीका तेरे बगैर जीने का
अब चाहती हो मुकम्मल करना, कहानी मेरी अधूरी है क्या।

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23 JAN 2018 AT 11:52

हँसते हँसते रिश्तें तोड़ें देती हूँ,
मजबूरी नहीं मनमानी का शौक़ है मुझे !!

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9 JUL 2021 AT 13:21

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3 SEP 2020 AT 1:53

गे तो रो तो न दोगे
पेड़ से टूटे पत्तों की तरह मुझे खो तो न दोगे

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29 AUG 2019 AT 12:32

अपनी मजबूरियों का गला घोंट उसे अलमारी में,
फटे चिथड़े नकाबों के नीचे छिपा कर ,
एक बेशकीमती मुस्कान वाला ताला जड़ देना‌ ।
जिसकी चाभी मन के किसी खूंटी पर टांग देना
ये 21वीं सदी के गिद्ध को भली-भांति आता है
इन मजबूरियों का सौदा करना ...

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3 SEP 2018 AT 22:06

लाचार हूँ ,गुनाह करना तो छोड़ नही सकता,
बस इतनी सी बात पे हजारो खुदा तराशे गये!

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3 SEP 2020 AT 0:05

अपनी मशहूरी पर ना गुमान करो
और इतनी मगरूरी भी अच्छी नहीं किरदार में
की तुम अपने लफ्जों से हमारे ख्वाबों का क़त्ले-आम करो

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चंद पैसे कमाने को मजबूर लड़का !!
है घर चलाने को घर से दूर लड़का !!

अपनों से दूरी का ग़म, सच मायने में
जानता है शहर गया मज़दूर लड़का !!

आंसूओं पर बंदिश है, कोई देख ना ले
रो भी नहीं पाता कभी भरपूर लड़का !!

इश्क़ की बस्ती में पाँव गर रखे भी तो
ज़माने में बेवफाई से मशहूर लड़का !!

चाँद है लड़की, सभी यहां बतलाते हैं
कोई नहीं कहता, है कोहनूर लड़का !!

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