मुझे लगा मै मंजिल हूँ पता चला रास्ता था
मुझे लगा मै प्यास हूँ पता चला प्याला था
एक ख़ुमार सा रहता था तबियत में अक्सर
मुझे लगा मोहब्बत थी पता चला नशा था
बातें बनी, बातें सुनी और हर सितम सहा,
मुझे लगा मै मजनूं हूँ पता चला बावला था
अर्से बाद मिला और मुस्कुरा कर चला गया
लगा कि ज़ख्म भर गया पता चला ताज़ा था
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