हमारा परिवार एक मंदिर है.....
बहुत सुंदर हैं,
इसे और सुंदर बनाओ..!
मन ऐसा रखो की,
किसी को बुरा ना लगे..!
दिल ऐसा रखो कि,
किसी को दुःखी ना करें..!
रिश्ता ऐसा रखो कि,
उसका अंत ना हो..!
हमने रिश्तों को संभाला है,
मोतियों की तरह..!
कोई गिर भी जाए तो,
झुक के उठा लेते हैं..!
सुख के तो साथी हजारों हैं,
यहां सब जीवन के आधार हैं..!
अपनों सा प्यार है यहां,
इसके लिए सब का आभार हैं..!
काम हो कोई तो बता देना,
इस परिवार में हर कोई तैयार हैं..!
सबको साथ जोड़ने के लिए,
सभी का दिल से आभारी हैं..!
बांटना है तो बांट लो ख़ुशी,
क्योंकि आंसू तो सब के पास हैं..!!
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