Anuup Kamal Agrawal 28 JUN 2018 AT 22:28 भटकता नहीं मैं ख़्वाब देखकरबहकता नहीं शराब देखकरदिल खोल के लिखो लिखने वालोंभड़कता नहीं कोलाब देखकर - Anuup Kamal Agrawal 24 JUN 2017 AT 6:24 जुदाई की आग बारिश में बुझती नहीं,और भड़क जाती है - पंडित संजयजी ..sk41.. 16 SEP 2020 AT 12:07 बस एक चिन्गारी भड़कनी चाहिए, आग तो घर घर मे लगेगा जिसको रॉशनी चाहिए,अंधेरा कायम रहने की कोशिश जरूर करेगाहे ख़ुदा बस मुझे अवाम का साथ चाहिए.... - Yuvraj Mishra 14 JUN 2019 AT 21:30 जैसे कोई उबड़ खाबड़ पत्थर की सड़क,इक पल के लिए खुश हो जाती है,अगले में जाती है भड़क। -