वो बुरा है, तुम भले हो क्या समझे
वो आग है, तुम जले हो क्या समझे
लड़कियों पर ज़ुल्म तो सब ही करते हैं
वो ज़ुल्मी, तुम दूध के धुले हो क्या समझे
किसी को भी बेवजह मार दिया जाता है
वो यतीम, तुम नाज़ों से पले हो क्या समझे
बातों से ही लूटने का ज़माना हो गया अब
वो चोर, तुम कटते हुए गले हो क्या समझे
इज्ज़त का तो बस नाम ही रह गया है
वो अमीर, तुम सिर्फ़ नल्ले हो क्या समझे
हर किसी का रहना मुश्किल कर दिया है
वो शहर, तुम तो अब जिले हो क्या समझे
चैन, सुकून, खुश़ी, क्या है ये आराम लोगों
वो डरे, तुम उसपर सिर्फ़ फूले क्या समझे
ग़रीबी और लाचारी ने खा लिया "आरिफ़"
वो फ़टा, तुम हमेश़ा से सिले हो क्या समझे
पैसों को "कोरा काग़ज़" समझकर छीन लिया
वो भागा, तुम तो जगह से हिले हो क्या समझे
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